बच्चो के लिए बाल कहानी : लड़ाई साँप और नेवले की आपने सपेंरों, मदारियों के पास सांप और नेवले की लड़ाई देखी होगी। मैंने भी देखी है, सपेरे के बायें बाजू में नेवला रहता है तो दायें बाजू होता है मरियल-सा सांप, सपेरा नेवले को खेलता है। नेवला कूदकर सांप का मुंह पकड़ लेता है, फिर लहूलुहान सांप को सपेरा नेवले से अलग कर देता है। बस हो गई लड़ाई! By Lotpot 17 Jun 2020 | Updated On 17 Jun 2020 06:17 IST in Stories Moral Stories New Update लड़ाई साँप और नेवले की (Hindi Kids Story) : आपने सपेंरों, मदारियों के पास सांप और नेवले की लड़ाई देखी होगी। मैंने भी देखी है, सपेरे के बायें बाजू में नेवला रहता है तो दायें बाजू होता है मरियल-सा सांप, सपेरा नेवले को खेलता है। नेवला कूदकर सांप का मुंह पकड़ लेता है, फिर लहूलुहान सांप को सपेरा नेवले से अलग कर देता है। बस हो गई लड़ाई! यही लड़ाई यदि किसी ने जंगल में देखी होती तो दांतों तले अंगुली दबा लेता। मैंने देखी है ऐसी लड़ाई। वर्ष 1983, जनवरी का महीना। समय सांय चार से पांच के बीच। जगह पूर्वी निमार्ण की कस्बा-बस्ती मूंदी से चार किलोमीटर पश्चिम में मूंदी खुटला मार्ग पर वहां सर्वेक्षण हेतु गया था। मेरा कैंप आगे के गांव सुपला में लगा हुआ था। मैं मुंदी की हाट से आवश्यक सौदा-सुल्फ लेकर अपने कैंप लौट रहा था। मेरे साथ मेरे अधीनस्थ कर्मचारी भी थे। और पढ़ें :Hindi Kids Story- असलियत पता चली अब रास्ता गहरे नाले में प्रवेश कर रहा था। नाला सूखा एवं बालूई था। हम लेाग जैसे ही नीचे उतरे तो एक विशाल कोबरे को हड़बड़ाहट में सामने से भागते देखा। तभी पीछे से एक भारी-भरकम नेवला भी कूदता हुआ आता दिखाई दिया। नेवला पहले हमलोगों को देखकर ठिठका। फिर पीछे से घूमकर सांप को पछियाने लगा। तबतक सांप जमीन से दो-तीन मीटर ऊंची एक झाड़ी में लिपट गया था। नेवला कूदकर आघात करता। सांप भी फन मारकर प्रतिघात करता। कभी नेवला सांप का मांस तोड़ लाता तो कभी फन की चोट से नेवला तिलमिला जाता। नेवला झपट्टा मारकर सांप को आतंकित करता। सांप फुंफकार छोड़कर नेवले को आतंकित करता। दोनों एक-दूसरे से भयभीत थे। अपना-अपना पैतरा बदल रहे थे। रूक-रूक कर हमला कर रहे थे। संभल-संभल कर हमले से बचाव भी कर रहे थे। और पढ़ें :Hindi Kids Story- असलियत पता चली इस समय सांप का पूरा शरीर लहूलुहान हो चुका था। वह कई जगह से कट-फट गया था। उसके मांस के चीथड़े भी लटक रहे थे। नेवला घायल होता, धूल में लोटकर कोई जड़ी-बूटी खोजकर, फिर ताकत बटोरकर हमला करता। लीजिए हुआ काम नेवले का। सर्पडसं से पीड़ित होकर वह बालू में निश्चेष्ट लोट गया। इधर सांप को कुछ मौका मिल गया। वह अपनी जगह से करीब एक मीटर ऊंचाई पर की बेल की ओर सरकने लगा। इस आधारहीन लंबाई को वह पूरी तरह सावधानी से पार कर रहा था। अब बेल उसकी पहुंच में थी मगर हवा में हिलन-डुलने से वह उसे पकड़ नहीं पा रहा था। वह बेल एक बांस समूह में लिपटी हुई थी। उसका एक किनारा टूटकर नीचे लटका हुआ था। यही संबल था बेचारे सांप का। सांप ने पुनः अपनी शक्ति बेटोरी। इस बार वह सफल भी हो गया। अभी उसका आधा शरीर बेल पर था। कि नेवले की मूच्र्छा टूट गई। नेवले ने शाखा पर चढ़कर एक छलांग मारी। वह सापं को लेकर जमीन पर आना चाहता था। परंतु उसके मुंह में केवल उसकी पूंछ ही आई। अब नेवला उसकी पूंछ पकड़कर पेंडुलम जैसा झूल रहा था। ये क्षण सांप के लिए संघर्षमय थे। उसने पूंछ को घुमाकर एक जोर का झटका दिया तो नेवले की पकड़ ढीली हुई। वह खिसक कर सांप की पूंछ के एकदम सिरे पर आ गया। तब तक सांप सरकता हुआ बांस की झाड़ियों में आधा प्रवेश कर गया था। नेवला उसी तरह लटका हुआ था। सांप ने शक्ति बटोरकर आखिरी कोशिश की। नेवले की पकड़ ढीली पड़ने से नीचे आ गिरा। अब सांप पूरी तरह नेवले की पकड़ से बाहर था। वह सरसराता हुआ बांस की फुनगी पर पहंुच गया था। इसके बाद का दृश्य देखने लायक था। सांप एक दरख्त से दूसरे दरख्त पर घायल अवस्था में भी इस कुशलता से जा रहा था कि लोगों के मुंह से तारीफ निकल जाती थी। नीचे नेवला लगभग पूरी तैयारी में था कि वह गिरे तो फौरन झपट ले। ऊपर जिधर-जिधर सापं जाता। नीचे उधर-उधर नेवला चलता। दर्शकों में से किसी एक ने बताया कि यह नेवला कम से कम तीन दिनों तक सांप की टोह लेता रहेगा। फिर चाहे जो भी हुआ हो। मगर वह दृश्य भूले नहीं भूलता। सांप और नेवले की पुरानी दुश्मनी है। वह अब मिलेंगे लड़ेंगे अवश्य। यह अलग बात है कि मेरे जैसे कम ही सौभाग्याशाली होगें जिन्होंने यह लड़ाई रूबरू देखी होगी। Facebook Page #Best Hindi Kahani #Hindi Best Stories #Lotpot Kahani #Lotpot Stories #Lotpto ki Kahaniyan You May Also like Read the Next Article