भारत के झंडे को बनाने वाले पिंगली वेंकय्या के बारे में दिलचस्प बातें पिंगली वेंकय्या का जन्म आंध्र प्रदेश के भातलपेनुमाररू में 2 अगस्त 1876 में हुआ था। उन्होंने 19 साल की उम्र में ब्रिटिश सेना में काम करना शुरू कर दिया था। मचिलीपट्नम में चल्लापल्ली और हिन्दू हाई स्कूल में शुरुवाती पढ़ाई करने के बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए कोलोंबो चले गए थे। By Lotpot 07 Jun 2020 in Stories Interesting Facts New Update पिंगली वेंकय्या का जन्म आंध्र प्रदेश के भातलपेनुमाररू में 2 अगस्त 1876 में हुआ था। उन्होंने 19 साल की उम्र में ब्रिटिश सेना में काम करना शुरू कर दिया था। मचिलीपट्नम में चल्लापल्ली और हिन्दू हाई स्कूल में शुरुवाती पढ़ाई करने के बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए कोलोंबो चले गए थे। उन्होंने जापानी भाषा सीखी लेकिन उन्हें उर्दू और इतिहास में भी काफी दिलचस्पी थी। अफ्रीका में एंग्लो बोअर की लड़ाई के वक्त वेंकय्या महात्मा गाँधी से मिले थे। पांच सालों तक 30 देशों के झंडों पर रिसर्च करने के बाद उन्होंने त्याग, शांति और एकता को दर्शाते हुए भारतीय झंडे के रंग और डिजाइन बनाया। 15 अगस्त 1947 में स्वतंत्रता मिलने पर पिंगली द्वारा डिजाइन किये गए राष्ट्रीय झंडे को भारत की संविधान सभा ने 22 जुलाई 1947 में अपनाया था। पिंगली की हीरा खनन और काॅटन में दिलचस्पी होने के कारण उन्हें डायमंड वेंकैया और काॅटन वेंकय्या का नाम दिया गया। कई भाषाएँ जानने वाले पिंगली ने भूगर्भविद्या में डाॅक्टरेट की थी और उन्होंने मचिलीपट्नम में एक संसथान भी स्थापित की थी। 2009 में उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एक पोस्टेज स्टैंम्प जारी की गयी। यहाँ भी जाएँ : Sport : साॅकर (Soccer) के 5 मजेदार तथ्य Facebook Page #Lotpot #facts #india #Indian Flag #Pingali Venkayya #पिंगली वेंकय्या You May Also like Read the Next Article