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हर साल पंद्रह अगस्त के दिन पूरा भारत केसरी, सफेद और हरे रंग से देशभक्ति की भावना का जश्न मनाता है। इस दिन को भारत में स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी से जुडी कुछ दिलचस्प बातें हम आपको बताते हैः
सिर्फ 15 अगस्त ही क्यों?
वैसे भारत को उसकी आजादी अनौपचारिक रूप से 18 जुलाई 1947 को मिली थी लेकिन माउंटबेटेन ने 15 अगस्त का दिन औपचारिक दिन के रूप में चुना था। यह दिन उन्होंने इसलिए चुना था क्योंकि इस दिन जापान ने विश्व युद्ध 2 में अलाइड सेना के सामने खुद को समर्पण किया था।
हमारा राष्ट्रीय ध्वज सबसे पहले कहा लहराया गया था?
हमारा राष्ट्रीय ध्वज सबसे पहले लाल किला पर नहीं लहराया गया था बल्कि इसे 7 अगस्त 1906 कोलकाता के पारसी बागान स्क्वायर (ग्रीन पार्क) में लहराया गया था और उस झंडे पर लाल, पीली और हरे रंग की धारिया थी।
भारतीय झंडे को बनाने वाले
हमारे झंडे की कई रूपांतरण बने और कहा जाता है कि भारतीय झंडे के डिजाइन को महात्मा गाँधी लेकर आये थे लेकिन असल में एक स्वतंत्रता सेनानी पिंगली वेंकय्या ने हमारे राष्ट्रीय ध्वज का आईडिया दिया था।
इतने बड़े देश में झंडा बनाने वाली सिर्फ एक औपचारिक कंपनी
भारत के झंडे को खादी डेवलपमेंट और विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन को बनाने का हक है। धारवाड़ के कर्नाटक खादी ग्रामोद्योग संयुक्त संघ काॅटन का इस्तेमाल करके झंडा बनाते है।
भारत पाकिस्तान की दुश्मनी
हालाँकि बंटवारे का ऐलान 3 जून 1947 को हुआ था लेकिन इसे 15 अगस्त 1947 में अमल किया गया और उसी दिन पाकिस्तान बना। अगले दिन 15 अगस्त को आजाद भारत बना और इस बंटवारे में कई लाख लोगों ने अपनी जान गँवाई। उस समय करीब 3.5 लाख हिन्दू और सिख पाकिस्तान से भारत आये और करीब 5 लाख मुस्लिम भारत से पाकिस्तान गए।
भारत- एक नाम
भारत को अपना नाम इंडस नदी से मिला जो इंडस वैली सिविलाइजेशन का घर थी और उसे पहला शिष्ट समाज माना जाता था। हमारे देश का संस्कृति में नाम भारतीय गणराज्य है।
गोवा आजाद भारत का हिस्सा नहीं था
स्वतंत्रता के बाद पुर्तगाल ने खेल खेला और गोवा को अपना राज्य बताया लेकिन 19 दिसंबर 1961 में भारतीय सेना ने गोवा को अपने कब्जे में लिया।
स्वतंत्रता का खोया हुआ अंश
स्वतंत्रता के मुख्य आर्किटेक्चर महात्मा गाँधी खुशियों का हिस्सा नहीं बने। बल्कि उन्होंने कोलकाता में पूरा दिन उपवास किया क्योंकि बंगाल में मुस्लिम और हिंदुओ के बीच में अहिंसा हुई थी।
15 अगस्त के हमारे साथी
सिर्फ भारत ने ही नहीं बल्कि पांच देशों ने 15 अगस्त का जश्न मनाया था और वह पांच देश नार्थ कोरिया, साउथ कोरिया, बहरीन, लिकटेंस्टीन और रिपब्लिक ऑफ कांगो थे।
भारत- एक शांति दूत
भारत हमेशा शांति दूत रहा है। भारत ने अपने इतिहास के 1 लाख सालों में कभी किसी देश के बीच में दखल नहीं दिया है ।