भारत के प्रधानमंत्री, माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी जब भी अपने देशवासियों से अपने मन की बात कहतें है तो उसमें देश के हर नागरिक के हित में कुछ न कुछ होता ही है। उनके मन की बातों में जितना कुछ बड़ों के लिए होता है, उतना ही बच्चों के लिए भी संदेश होता है।
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने शुक्रवार को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में देश भर के छात्रों से परिक्षा की तैयारी पर चर्चा की और उन्हें एग्जाम तनाव तथा कई तरह की परेशानियों से उबरने के लिए ढेर सारे कारगर टिप्स दिए। इस दौरान उन्होंने छात्र छात्राओं के साथ ही शिक्षकों और अभिभावकों को भी जरूरी सलाह मशविरा दिया।
समुन्द्र के अंदर ही दुश्मनों का काम तमाम करने के लिए भारतीय नौसेना के बेड़े में है शक्तिशाली अटैक सबमरीन INS वागीर जिसकी इन दिनों बड़ी चर्चा है। यह पाँचवी – 75, कलवरी श्रेणी वागीर INS की पनडुब्बी, यार्ड 11879 प्रोजेक्ट 75 के तहत बनाया गया है। ये भारतीय नौसेना के लिए एक और सशक्त माध्यम है दुश्मनों को नेस्तनाबूद करने का। यह बेहद आधुनिक नेविगेशन और ट्रैकिंग प्रणालियों से लैस है। यह इतनी शक्तीशाली और खतरनाक अटैक- सबमरीन है जो पानी के अंदर ही दुश्मनों का सफ़ाया करने में सक्षम है।
यह अनोखी पहल भारत के सिवाय और कौन कर सकता है? दुनिया की सबसे लंबी यात्रा के लिए रवाना हो चुका रिवर क्रूज़, एमवी गंगा विलास, 51 दिनों में लगभग 3200 किमी की दूरी तय करके डिब्रूगढ़ पहुंचेगा। इस दौरान यह क्रूज़ बांग्लादेश से होकर भी गुजरेगा। दिनाँक 13 जनवरी 2023 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा विश्व की सबसे लंबी यात्रा पर निकलने वाले भारतीय रिवर क्रूज़, एमवी गंगा विलास को वर्चुअली हरी झंडी दिखा कर रवाना की थी । उस दौरान सी एम योगी काशी में उपस्थित थे।
बत्तीस यात्रियों के साथ, काशी से बोगीबील तक के सुहाने सफर पर रवाना हो चुके यह क्रूज़ पंद्रह दिनों तक बांग्लादेश से गुजरेगा जिसके पश्चात गंगा विलास असम की ब्रह्मपुत्र नदी से डिब्रूगढ़ तक जाएगा। इसके तहत यह क्रूज़ सत्ताइस रिवर सिस्टम से होते हुए गुजरेगा। भारत बंग्लादेश प्रोटोकॉल के कारण यह क्रूज़ बांग्लादेश को क्रॉस करेगी। यह जल महल, पचास से अधिक महत्वपूर्ण स्थानों पर रुकेगी जिससे यात्रियों को कई विश्व धरोहर स्थलों, नदी घाटों, राष्ट्रीय उद्यानों, एतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक जगहों के दर्शन करने का मौका मिलेगा । इस विशेष और दुनिया में सबसे अनोखे जल महल की खूबसूरती देखते ही बनती है। यह 62 मीटर लंबा और बारह मीटर चौड़ा है जिसमें तीन डेक है।
फाईव स्टार सुविधाओं और अत्याधुनिक तकनीक और उपकरणों से लैस यह जलयान, हर दृष्टि से वैश्वीक स्तर के सारे मापदंड पर खरा उतरता है। इस जलयान के सफर के दौरान गंगा का पानी प्रदुषित ना हो इसका भी ख्याल रखा गया है, बल्कि यह जलयान पर्यावरण को साफ रखने में मदद करता है। इसमें आरओ तथा एसटीपी प्लांट भी लगाया गया है ताकि क्रूज़ में इस्तमाल किया गया पानी दूषित रूप से गंगा में ना बहे। यह क्रूज़ आते समय (अपस्ट्रीम) लगभग बारह किलोमिटर प्रति घंटा और जाते समय (डाउन स्ट्रीम) लगभग बीस किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सफर तय करेगा। यह प्रदूषण और शोर रहित जलयान है। भारत के सबसे बड़े इस महा लग्ज़री क्रूज़ में 51 दिनों के लिए सफर करने का किराया लगभग बीस से पच्चीस लाख रुपये है।
इस सुखद, अकल्पनीय यात्रा के दौरान यात्रियों को वो सारी सुख सुविधाएं प्रदान की जाएगी जो फाईव स्टार होटल्स में दी जाती है। इस क्रूज़ में अट्ठारह कमरे हैं। हर कमरे में बेड, तकिये, गलीचे, सजावट की चीजें, सब देश के अलग अलग जगहों से मंगाये गए हैं जिससे देश में विविधता में एकता के दर्शन हो सके। प्रत्येक कमरे में टीवी, किताबें पढ़ने लिखने के लिए टेबल है और हर कमरे से बाहर का खूबसूरत दृश्य दिखाई देता है।
इस जलयान में एक साथ छत्तीस पर्यटक यात्रा कर सकते हैं। गंगा विलास क्रूज़ का निर्माण कोलकाता में अट्ठारह महीने में पूरा किया गया जिसमें भारतीय साज सज्जा, संस्कृति और कलाकारी स्पष्ट विदित है। क्रूज़ में किचन, जिम, रेस्तरां, सैलून, ओपन स्पेस, गीत संगीत, चिकित्सा की सुविधा सब कुछ है। इसका रूट वाराणसी, गाजीपुर से होते हुए बक्सर से पटना, मुंगेर, भागलपुर, फिर बंगाल से बांग्लादेश में एंट्री करेगा। यह क्रूज़ एक बढ़िया पर्यटन व्यवसाय स्थापित कर सकता है।
★सुलेना मजुमदार अरोरा★
हम सबने प्रखर बुद्धिमान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन का नाम तो सुना ही होगा, भारत के इतिहास में भी कितने ही ऐसे मेधावी पुरुष तथा स्त्रियों के नाम दर्ज है जिन्होंने कम उम्र में ही अपनी बुद्धि और तेज से दुनिया को प्रभावित किया और आज भी कर रहें हैं, जैसे अभिमन्यु, चाणक्य, विधोत्तमा, वाचक्नवी गार्गी, स्वामी दयानंद सरस्वती, स्वामी विवेकानंद, और मॉडर्न ज़माने की बात करूँ तो ह्यूमन कंप्यूटर मानी जाने वाली शकुंतला देवी।
दिन पर दिन बढ़ते साइबर बैंकिंग अपराधों को रोकने और बैंक ग्राहकों को इन धोखेबाज़ो से बचाने के लिए आरबीआई ने ‘राजू और चालीस चोरों’ नामक बुकलेट जारी किया है जिसमें है बैंकिंग धोखाधड़ी के प्रति सावधान रहने के लिए चालीस कहानियां है। यह बुकलेट खास उन लोगों के लिए लाभदायक है जो डिजीटल फाइनैन्शियल लेन देन क्षेत्र में नए है और अभी तक डिजीटल ट्रांजैक्शन सीखे नहीं है।
यह बुकलेट’ राजू एंड द फोर्टी थीव्स’ गोवा और महाराष्ट्र के लिए आरबीआई लोकपाल द्वारा तैयार किया गया था। बचपन में हम सबने अली बाबा और चालीस चोर की कहानी पढ़ी होगी, जिसमें चालीस चोर अपने लूट के माल को एक गुफा में छिपा देते हैं। वो तो खैर कहानी थी लेकिन आज के लुटेरे तो घर बैठे बैठे आपको बेवकूफ़ बनाकर आपके बैंक अकाउंट से लाखों रुपये आसानी से लूट लेते है, कभी आपको ये लुटेरे कोई लिंक भेजकर फंसाने की कोशिश करते है तो कभी आपको कोई मेसेज भेजकर आपसे ओटीपी पूछकर आपका बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं।
ऐसे चोर, लुटेरों से आपको सावधान करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के बैंकिंग लोकपाल ने सचित्र कॉमिक्स के रूप में एक बुकलेट जारी किया है जिसमें एक कॉमन कैरेक्टर राजू (कभी किसान, कभी एक हैप्पी इंसान, कभी सीनियर सिटिजन) दिखाया गया है, और चालीस चोरों की कहानी के रूप में यह बताया गया है कि कैसे यह मक्कार चालाक साइबर चोर, चालीस तरह के हथकंडे अपना कर आपके बैंक अकाउंट से सारा रुपया लूट सकते है। ये बुकलेट अलग अलग आयु, शिक्षा स्तरों और पृष्ठभूमि के लोगों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
ग्राहक जागरूकता अभियान के तहत पिछले वर्ष इन फाइनैंशियल फ्रॉडरी के कई हथकंडों पर एक पुस्तिका ‘बी अवेअर’ प्रकाशित की गई थी। अब इसके एक्सटेंशन बुक के रूप में ‘राजू एंड द फोर्टी थीव्स’ (राजू और चालीस चोर) के नाम से एक बुकलेट लॉन्च किया गया है। इसमें ‘आर बी आई ‘ के जानकारी में आने वाली चालीस धोखाधड़ी और सायबर लूट की घटनाओं का ब्यौरा है। ये बुकलेट कोविड-19 महामारी के दौरान तैयार किया गया था।
यहाँ दी जा रही है उन चालीस फ्रॉड तरीकों में से कुछ गंभीर साइबर क्राइम के लिस्ट
1. फिशिंग लिंक,
2. क्रेडिट कार्ड एनुअल फीस में छूट का ऑफर,
3. एटीएम कार्ड स्कीमिंग धोखाधड़ी
4. स्क्रीन शेयरिंग ऐप्स और रिमोट के जरिये ठगी
5. सिम क्लोनिंग
6. क्यूआर कोड स्कैन ठगी
7. डाटा केबल से डाटा चोरी करना (जूस जैकिंग)
8. लॉटरी धोखाधड़ी
9. ऑनलाइन जॉब ऑफर स्कैम
10. COVID-19 नकली ऑनलाइन परीक्षण , टीकाकरण
11. ऑनलाइन शॉपिंग धोखाधड़ी
12. सार्वजनिक वाई-फाई धोखाधड़ी
13. मैसेज ऐप बैंकिंग फ्रॉड
14. मल्टी लेवल मार्केटिंग घोटाला
15. फर्जी लोन ऑफर
16. क्रेडिट कार्ड सीमा उन्नयन
17. .दुकानों/व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर कार्ड क्लोनिंग
18. पेमेंट स्पूफिंग एप्लीकेशन
19. नकली विज्ञापन स्कैम
20. कैशबैक ऑफर स्कैम
21. चैरिटी और छूट ऑफर की ठगी
22. आधर कार्ड अपडेट ऑफर स्कैम
23. सट्टेबाज़ी से लाभ का झांसा
24. वर्क फ्रॉम होम लालच
25. झूठा लोन ऑफर
26. क्रेडिट कार्ड सक्रिय करने के ऑफर
इस तरह के और भी ढेर सारी धोखाधड़ी से सावधानी रखने की अलर्ट जारी किया गया है, आरबीआई द्वारा जारी इस बुकलेट में जो आम इंसान को साइबर बैंक धोखाधड़ी से सावधान रहने की प्रेरणा देती है।
★सुलेना मजुमदार अरोरा★
अक़्सर देखा गया है कि जब बच्चे छोटे होते है तो उनके माता पिता अपनी हैसियत के अनुसार उनके लालन पालन में कोई कमी नहीं रखते, लेकिन जब बच्चे बड़े होकर अपने पैरों पर खड़े हो जाते हैं और उनके माता पिता धीरे धीरे बूढे तथा अशक्त होने लगते है तब वही बच्चे अपने इन वृद्ध पैरेंट्स को छोड़कर चले जाते हैं या साथ रहकर भी उनकी देखभाल नहीं करते तथा बात बात पर अपमानित करते है।
एक ज़माना था जब बच्चों के स्कूल बैग में सिर्फ किताबें, कॉपिंयाँ, जिओमेट्री बॉक्स, पेन, पेन्सिल, लंच बॉक्स होते थे, जिसे उनके पैरेंट्स या टीचर्स कभी भी खोल कर चेक कर सकते थे। लेकिन आज के जमाने में स्कूल जाने वाले बच्चों के बैग में छुपी होती है ऐसी ऐसी वस्तुएँ जो उनकी सोच, आदत और बर्ताव का कच्चा चिट्ठा खोलते हैं।
आज पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिंग और प्रदूषण के खतरे से जूझ रहा है जिससे मौसम में भारी बदलाव होने के साथ साथ भीषण सूखा, ज़बर्दस्त बाढ़, भूकंप, कभी सुनामी और कभी अचानक नदी में जल प्रलय हो रहा है। ग्लोबल वार्मिंग का एक मुख्य कारण है जंगलों और पेड़ों की कटाई और उन्हें नष्ट करना। सभी जानते है कि पेड़ पौधे वातावरण से कार्बन सोख कर उसे शुद्ध बनाता है।