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जांबाज देवा: शेर से मुकाबला- बड़े लोगों के शौक और पार्टियां हमेशा कुछ अलग होती हैं। ऐसी ही एक शानदार पार्टी में सजावट के लिए एक पिंजरे में शेर और शेरनी रखे गए थे। लेकिन पार्टी का माहौल अचानक खतरनाक हो गया जब किसी बच्चे ने गलती से शेर और शेरनी का पिंजरा खोल दिया।
जैसे ही पिंजरा खुला, पूरी पार्टी में अफरा-तफरी मच गई। लोग घबराकर अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। माहौल डरावना हो गया और हर कोई चीखते हुए अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहा था। "भागो! शेर और शेरनी का पिंजरा खुल गया!" हर तरफ यही आवाजें गूंजने लगीं।
इस मुश्किल घड़ी में सभी को याद आया कि अगर जांबाज देवा यहां होता, तो वह इस मुसीबत का हल जरूर निकालता। संयोग से जांबाज देवा उस पार्टी में मौजूद था। उसकी बहादुरी की कहानियां सभी ने सुनी थीं। देवा ने बिना समय गंवाए शेर और शेरनी का सामना करने का फैसला किया।
वह साहस के साथ उनके सामने खड़ा हो गया और बोला, "इन्हें वापस पिंजरे में बंद करना होगा!" क्या जांबाज देवा इन खतरनाक जानवरों को काबू कर पाएगा? क्या वह उन्हें वापस पिंजरे में बंद करने में सफल होगा?
इस रोमांचक कहानी का अंत जानने के लिए बच्चों को यह कॉमिक जरूर पढ़नी चाहिए। यह कहानी न सिर्फ हिम्मत और बहादुरी का सबक देती है, बल्कि हमें सिखाती है कि डर से भागने के बजाय उसका डटकर सामना करना चाहिए।