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पतलू बना जासूस
पतलू बना जासूस:- पूरी गर्मी की छुट्टियों में पतलू ने पता नहीं कौन कौन सी जासूसी की किताबें पढ़ी थीं। अब उसके अंदर का जासूस भी जाग गया था। एक दिन अचानक मोटू बाजार से वापस आया तो उसने देखा कि पतलू जासूसों की तरह ओवरकोट पहन कर खड़ा है। उसको देखते ही मोटू उससे पूछता है कि यह क्या हुलिया बना रखा है, फिल्म में रोल मिल गया है क्या? मोटू की बात सुनते ही पतलू उससे बोलता है कि जुबान संभाल के बात करो मैं जासूस पतलू बांड हूं जासूसी नावल पढ़-पढ़ के मैं पूरा जासूस बन चुका हूं। पतलू की बातें सुनकर मोटू उससे पूछता है कि ओये जासूस की दुम मेरे मोबाइल का चार्जर नहीं मिल रहा, तुमने देखा है क्या? मोटू की बात सुनते ही पतलू ख़ुशी से उछल पड़ता है और बोलता है कि यानि मुझे पहला केस मिल गया मोबाइल चार्जर की तलाश। पतलू की बातें सुनकर मोटू थोड़ा परेशान हो जाता है मगर फिर भी उससे कहता है कि पर ढूंढ तो सही मेरा मोबाइल बंद हो गया है। पतलू झट से बोलता है कि जासूस पतलू बांड का मानना है कि जासूसी हमेशा जड़ से करनी चाहिए। यानि जहां से मोबाइल खरीदा गया था। पतलू का सवाल सुनते ही मोटू उसको बताता है कि उसने मोबाइल डॉ. झटका से ख़रीदा था। इतना सुनते ही पतलू बोलता है कि बस क्लू मिल गया, वहीं छिपा है इस चार्जर की गुमशुदगी का राज फालो मी, इतना बोलते के साथ ही पतलू डॉ. झटका के घर के लिए निकल पड़ता है।