पतलू बना जासूस
पूरी गर्मी की छुट्टियों में पतलू ने पता नहीं कौन कौन सी जासूसी की किताबें पढ़ी थीं। अब उसके अंदर का जासूस भी जाग गया था। एक दिन अचानक मोटू बाजार से वापस आया तो उसने देखा कि पतलू जासूसों की तरह ओवरकोट पहन कर खड़ा है।
पूरी गर्मी की छुट्टियों में पतलू ने पता नहीं कौन कौन सी जासूसी की किताबें पढ़ी थीं। अब उसके अंदर का जासूस भी जाग गया था। एक दिन अचानक मोटू बाजार से वापस आया तो उसने देखा कि पतलू जासूसों की तरह ओवरकोट पहन कर खड़ा है।
एक दिन की बात है एक आदमी कोई गिफ्ट लेकर मोटू पतलू के घर की तरफ तेज़ी से चला जा रहा था। रास्ते में वो सोच रहा था कि आज मोटू पतलू व उसके दोस्त यह गिफ्ट पाकर खुश हो जायेंगे।
एक दिन की बात है एक अनजान आदमी फुरफुरी नगर में डॉ. झटका का पता पूछ रहा था। वह सुबह से ही परेशान था, वह इतना ज्यादा परेशान था कि उसने तीसरी बार मोटू और पतलू से रास्ता पूछ लिया।
संडे का दिन था, पपीताराम के दोस्त उनको अपने साथ स्विमिंग करने के लिए ले जाते हैं। वहां पहुँच कर पपीताराम के दोस्त बोलते हैं कि आज तो बहुत मज़ा आने वाला है।
गर्मी की छुट्टियां ख़त्म हो चुकि थीं, सभी स्कूल फिर से बच्चों की आवाज़ों से चहक उठे थे। मिन्नी भी अपने स्कूल आ चुकि थी। मिन्नी अपनी सभी फ्रेंड्स के साथ अपनी छुट्टियों की बातें शेयर कर रही थी।
गर्मी का मौसम चल रहा था, नीटू अपने रोबो और डोगो के साथ शाम की सैर के लिए निकल रहा था। तभी घर से निकलते ही उनके सामने एक बहुत बड़ा कैक्टस का पेड़ चलता हुआ आने लगा।
प्रिय नन्हे पाठकों नीचे दिया गया चित्र बिना रंगों के काफी सूना लग रहा है, आप सभी को इस चित्र का प्रिंटआउट निकलवाना है और फिर इस चित्र में अपने पसंद के रंगों को भरना है।