देवा ई-कॉमिक्स: देवा और प्रलय का दिन
सुबह के 10 बज रहे थे, तभी शहर वासियों ने देखा कि कोई चीज़ बहुत ही तेज़ी से आसमान के एक छोर से दुसरे छोर की तरफ जा रही है। मगर लोगों को समझते देर नहीं लगी कि वह चीज़ कुछ और नहीं बल्कि खुद देवा ही है।
सुबह के 10 बज रहे थे, तभी शहर वासियों ने देखा कि कोई चीज़ बहुत ही तेज़ी से आसमान के एक छोर से दुसरे छोर की तरफ जा रही है। मगर लोगों को समझते देर नहीं लगी कि वह चीज़ कुछ और नहीं बल्कि खुद देवा ही है।
एक दिन शाम के समय पपीता राम बाजार से अपने लिए खाने का सामान लेकर अपने घर जा रहा था। तभी रास्ते में उसके दो दोस्त उसको देख लेते हैं और आपस में बोलते हैं कि वो देखो पपीता राम आ रहा है और वो भी खाने के सामान के साथ।
जुलाई का महीना चल रहा था और मौसम में काफी उमस हो रही थी। मोटू और पतलू अपने घर में बैठे हुए थे कि तभी मोटू अपना पेट पकड़ कर बोलता है कि पतलू मेरे पेट में कुछ हो रहा है। मोटू को देखकर पतलू बोलता है आजकल मौसम बदल रहा है, किसी चीज से इन्फेक्शन हो गया है।
मानसून शुरू हो चुका था, गर्मी कम हो चुकी थी, नीटू अपने दोस्तों के साथ पार्क में सुहावने मौसम का मज़ा ले रहा था। तभी नीटू की नज़र ऊपर आसमान पर पड़ती है और वो ख़ुशी से बोलता है कि अरे वाह! मानसून के बादल छा रहे हैं।
पूरी गर्मी की छुट्टियों में पतलू ने पता नहीं कौन कौन सी जासूसी की किताबें पढ़ी थीं। अब उसके अंदर का जासूस भी जाग गया था। एक दिन अचानक मोटू बाजार से वापस आया तो उसने देखा कि पतलू जासूसों की तरह ओवरकोट पहन कर खड़ा है।
एक दिन की बात है एक आदमी कोई गिफ्ट लेकर मोटू पतलू के घर की तरफ तेज़ी से चला जा रहा था। रास्ते में वो सोच रहा था कि आज मोटू पतलू व उसके दोस्त यह गिफ्ट पाकर खुश हो जायेंगे।
एक दिन की बात है टीटा जुगनू के साथ नटखट नगर की सैर पर निकला हुआ था। तभी रास्ते में जुगनू ने देखा कि टीटा किसी से बातें करने के लिए रुक गया है, और थोड़ी ही देर बात करने के बाद टीटा ने अपना पैसों वाला बैग उस आदमी को दे दिया।