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Hindi Old Comics : नूरी जिन्न और चोर :-
"नूरी जिन्न और चोर" एक ऐसी रोमांचक कहानी है जिसमें एक शातिर चोर अपने मनसूबों में कामयाब होता नज़र आता है। कहानी की शुरुआत होती है उस चोर से, जो किसी अमीर आदमी का भारी बैग चुराकर भाग रहा है। चोर अपने मन में खुश होकर सोचता है, "वाह, आज तो मैं अमीर बन जाऊंगा! बैग इतना भारी है, जरूर इसमें नोटों की गड्डियाँ भरी होंगी!"
तेजी से भागते हुए चोर ने अपनी गति और बढ़ा दी, लेकिन रास्ते में पहाड़ियाँ आ जाने के कारण उसने शॉर्टकट लेने का सोचा और पहाड़ी का रास्ता पकड़ लिया। उसे नहीं पता था कि यह उसकी सबसे बड़ी भूल होने वाली थी। जिस पहाड़ी पर वह भाग रहा था, वह दरअसल नूरी जिन्न का हाथ था, जो पेड़ की छांव में गहरी नींद सो रहा था।
जैसे ही चोर नूरी जिन्न के हाथ पर चढ़ता है, जिन्न की नींद खुल जाती है। वह क्रोधित होकर अपनी आँखें खोलता है और देखता है कि कोई चोर उसके हाथ पर चल रहा है। नूरी जिन्न गरजते हुए कहता है, "ओए! मेरी उंगलियों को पहाड़ी समझ रहा है? अभी मजा चखाता हूँ तुझे!" चोर यह सुनते ही घबरा जाता है और उसकी हालत पतली हो जाती है।
नूरी जिन्न उसे कंधे से पकड़कर उठाता है और कहता है, "तू तो सोच रहा था कि चोरी का माल लेकर रफूचक्कर हो जाएगा, लेकिन मेरी नींद खुल गई। अब तेरा काम तमाम है!" चोर डर के मारे कांपते हुए कहता है, "नूरी जिन्न, मुझे बख्श दो! मैं दुबारा ऐसा नहीं करूँगा।"
लेकिन नूरी जिन्न हंसते हुए जवाब देता है, "अब तो तू पुलिस की मेहमाननवाजी का मजा चखेगा!" क्या नूरी जिन्न ने सच में चोर को पुलिस के हवाले कर दिया या फिर चोर किसी तरह बच निकलने में कामयाब हुआ? जानने के लिए पढ़ें इस अद्भुत और मजेदार कॉमिक्स "नूरी जिन्न और चोर"!