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Black and White: A Fun School Story
काला और सफेद: - यह कहानी दो बच्चों, रवि और अजय, की है, जो स्कूल में एक बात पर बहस कर रहे थे। दोनों को लगता था कि वे सही हैं। उनके टीचर ने उन्हें एक सबक सिखाने के लिए एक चतुर तरकीब निकाली। उन्होंने एक चीज़ रखी, जो रवि को काली और अजय को सफेद दिख रही थी। बाद में जगह बदलने पर दोनों को समझ आया कि वह चीज़ दोनों रंगों की थी। यह कहानी बच्चों को सिखाती है कि हमें दूसरों के नज़रिए से भी सोचना चाहिए, ताकि हम एक-दूसरे को बेहतर समझ सकें। (Perspective lesson, school story, kids moral)
काला और सफेद: - हाय, छोटे दोस्तों! आज हम तुम्हें एक मज़ेदार कहानी सुनाने जा रहे हैं, जो रवि और अजय नाम के दो बच्चों की है। दोनों हमारी वेबसाइट www.lotpot.com के प्यारे पाठक हैं। रवि और अजय एक ही स्कूल में, तीसरी कक्षा में पढ़ते थे। एक दिन दोनों में ज़ोरदार बहस हो गई। रवि ने कहा, "अजय, मैं सही हूँ! तुम गलत हो!" अजय ने जवाब दिया, "नहीं रवि, मैं सही हूँ, और तुम गलत हो!" दोनों की बहस इतनी बढ़ गई कि वे एक-दूसरे से गुस्सा हो गए। रवि ने कहा, "तू मेरा दोस्त ही नहीं है!" अजय ने चिल्लाकर कहा, "और तू मेरा दोस्त नहीं है!" उनकी बातें सुनकर उनकी टीचर, मिस अनिता, ने सोचा, "इन दोनों को एक खास सबक सिखाना पड़ेगा।" (Kids argument, school friends, teacher’s lesson)
टीचर का मज़ेदार सबक (The Teacher’s Fun Lesson)
अगले दिन मिस अनिता ने रवि और अजय को कक्षा में सबके सामने बुलाया। उन्होंने कहा, "रवि, तुम मेरी टेबल के इस तरफ खड़े हो जाओ, और अजय, तुम दूसरी तरफ खड़े हो।" दोनों अपनी जगह पर खड़े हो गए। मिस अनिता ने अपनी टेबल के बीच में एक बड़ी, चौकोर चीज़ रख दी। यह चीज़ एक तरफ से काली और दूसरी तरफ से सफेद थी। रवि ने देखा कि चीज़ काली है। मिस अनिता ने अजय से पूछा, "अजय, इस चीज़ का रंग क्या है?" अजय ने तुरंत कहा, "मिस, यह तो सफेद है!" रवि को गुस्सा आ गया। उसने कहा, "अजय, तू झूठ बोल रहा है! यह काला है। मैंने अपनी आँखों से देखा है!" अजय ने जवाब दिया, "रवि, तू गलत है! यह सफेद है, और मैंने भी अपनी आँखों से देखा है!" दोनों फिर से बहस करने लगे। मिस अनिता ने मुस्कुराते हुए कहा, "बच्चों, शांत हो जाओ। अभी तुम्हें सब समझ आ जाएगा।" (Classroom experiment, black and white object, kids debate)
जगह बदलने का खेल (The Game of Switching Places)
मिस अनिता ने कहा, "चलो, अब एक मज़ेदार खेल खेलते हैं। रवि, तुम अजय की जगह जाओ, और अजय, तुम रवि की जगह आ जाओ।" रवि और अजय ने अपनी जगह बदल ली। अब रवि उस तरफ था, जहाँ से चीज़ सफेद दिख रही थी, और अजय उस तरफ था, जहाँ से चीज़ काली दिख रही थी। मिस अनिता ने रवि से पूछा, "अब बताओ, रवि, इस चीज़ का रंग क्या है?" रवि ने थोड़ा सोचकर कहा, "मिस, यह तो सफेद है!" अजय हैरान हो गया। उसने कहा, "अरे, लेकिन मुझे तो यह काला दिख रहा है!" मिस अनिता ने हँसते हुए कहा, "देखो, बच्चो! यह चीज़ एक तरफ से काली है और दूसरी तरफ से सफेद। तुम दोनों ही सही थे, लेकिन सिर्फ़ अपनी जगह से।" रवि और अजय चुप हो गए। (Switching perspectives, teacher’s trick, kids realization)
दोस्तों की नई समझ (A New Understanding Between Friends)
मिस अनिता ने दोनों को पास बुलाया और कहा, "बच्चों, यह चीज़ हमें एक बड़ा सबक सिखाती है। जब हम किसी से बहस करते हैं, तो हमें लगता है कि हम ही सही हैं। लेकिन हो सकता है कि दूसरा भी सही हो, बस उसका नज़रिया अलग हो।" रवि ने अजय से कहा, "मुझे माफ़ कर दो, अजय। मुझे लगा कि तू गलत है, लेकिन मैंने तेरे नज़रिए से नहीं सोचा।" अजय ने मुस्कुराकर जवाब दिया, "कोई बात नहीं, रवि। मैंने भी तेरे नज़रिए से नहीं सोचा। अब से हम एक-दूसरे को समझने की कोशिश करेंगे।" दोनों ने गले लगकर अपनी दोस्ती फिर से मज़बूत कर ली। मिस अनिता ने कहा, "शाबाश, मेरे बच्चे! अब तुमने असली सबक सीख लिया।" (Learning empathy, kids friendship, moral lesson)
स्कूल के बाद की बातचीत (A Chat After School)
स्कूल खत्म होने के बाद, रवि और अजय साथ में घर जा रहे थे। रवि ने कहा, "अजय, आज मिस अनिता ने हमें बहुत अच्छा सबक सिखाया। मुझे पहले लगता था कि मैं हमेशा सही हूँ, लेकिन अब मैं समझ गया कि दूसरों की बात भी सुननी चाहिए।" अजय ने हँसते हुए कहा, "हाँ, रवि! मुझे भी लगा कि मैं ही सही हूँ, लेकिन अब मैं दूसरों के नज़रिए से भी सोचूँगा।" रवि ने कहा, "चल, अब से अगर हमारी बहस होगी, तो हम पहले एक-दूसरे की जगह सोचेंगे।" अजय ने जवाब दिया, "बिलकुल! और फिर हम हँसते-खेलते रहेंगे।" दोनों दोस्त हँसते हुए घर की ओर चल दिए। (Post-school reflection, kids bonding, empathy practice)
कहानी से सीख (Moral of the Story)
यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें हमेशा दूसरों के नज़रिए से भी सोचना चाहिए। जब हम बहस करते हैं, तो हमें लगता है कि हम सही हैं, लेकिन हो सकता है कि दूसरा भी सही हो। अगर हम एक-दूसरे को समझें, तो हमारी दोस्ती मज़बूत होगी और हम खुश रहेंगे। तो अगली बार जब तुम्हारी किसी से बहस हो, तो रुककर सोचना, "क्या मैं गलत तो नहीं?" और फिर अपने दोस्त की बात सुनो। ऐसी मज़ेदार कहानियाँ और सीखने के लिए www.lotpot.com पर आते रहो! (Perspective taking, empathy for kids, fun moral)
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