(Cricket story) वीनू को क्रिकेट का बुखार - सुबह मैदान पर सभी बच्चे अपने-अपने मजेदार खेलों में व्यस्त थे। लेकिन वीनू, जिसे खेलकूद में ज्यादा रुचि नहीं थी, ने इस बार ठान लिया था कि वह कुछ नया सीखेगा। एक दिन, उसका सबसे अच्छा दोस्त राहुल उसके घर आया और बोला, "अरे वीनू, तुमने सुना? गली में क्रिकेट टूर्नामेंट हो रहा है और हमें भी एक टीम बनानी है! सब तैयार हो रहे हैं।"
वीनू ने हैरान होते हुए कहा, "लेकिन राहुल, मुझे तो क्रिकेट खेलना आता ही नहीं!"
राहुल हंसते हुए बोला, "अरे यार, कोई बात नहीं! मैं तुम्हें सब सिखा दूंगा। बस तुम तैयार हो जाओ। हमारी टीम जीतने वाली है!"
वीनू को अब क्रिकेट का बुखार चढ़ चुका था। उसने तय कर लिया कि वह भी इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेगा। अगले दिन राहुल उसे मैदान पर ले गया और समझाने लगा, "देखो वीनू, सबसे पहले तुम्हें गेंद को ठीक से पकड़ना सीखना होगा। फिर बैटिंग और बॉलिंग।"
वीनू ने बड़े जोश में आकर कहा, "मैं बैटिंग करूंगा! जैसे विराट कोहली करते हैं।"
राहुल ने हंसते हुए जवाब दिया, "पहले पकड़ना तो सीख ले विराट कोहली!"
वीनू ने कई बार कोशिश की, लेकिन जब भी वह बल्ला पकड़ता और गेंद से खेलता, गेंद बल्ले पर सही से नही आ पाती। "अरे यार, ये बॉल मेरे बल्ले पर क्यों नहीं आ रही?" वीनू हताश होकर बोला।
राहुल हंसी रोकते हुए बोला, "शायद गेंद को भी तुम्हारे विराट कोहली बनने का इंतजार है!"
दोस्तों ने उसे प्रोत्साहित किया, लेकिन वीनू की कोशिशें नाकाम होती रहीं। उसे ऐसा लग रहा था कि क्रिकेट उसके लिए बना ही नहीं है। लेकिन फिर भी उसने हार नहीं मानी। वह रोज़ मैदान पर जाकर राहुल और बाकी दोस्तों के साथ अभ्यास करने लगा।
एक दिन, जब सब खेलने के लिए मैदान में थे, तभी राहुल ने कहा, "आज हमारी टीम का मैच है और वीनू ओपनिंग करेगा!"
वीनू ने चौंककर कहा, "मैं? ओपनिंग? तुम पागल हो गए हो राहुल! मैं तो पक्का आउट हो जाऊंगा!"
राहुल ने उसका कंधा थपथपाते हुए कहा, "डर मत, बस ध्यान से खेलना। जैसे मैंने सिखाया था।"
वीनू ने बैट पकड़ा और मैदान पर उतर गया। पहली ही गेंद पर उसने जोरदार शॉट मारा और गेंद बाउंड्री पार चली गई। पूरा मैदान ताली बजाने लगा। वीनू को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि वह इतना अच्छा खेल सकता है। उसके चेहरे पर एक बड़ी मुस्कान आ गई और वह अपने आप से बोला, "अरे वाह! मैं तो सच में खेल सकता हूँ!"
राहुल दूर से चिल्लाया, "देखा वीनू! तुमने कर दिखाया!"
मैच के अंत में, वीनू की टीम ने जीत हासिल की। सभी दोस्त उसे बधाई देने लगे। राहुल ने हंसते हुए कहा, "अब तो तुम विराट कोहली से भी अच्छे हो गए, भाई!"
वीनू ने मुस्कराते हुए कहा, "अभी तो बस शुरुआत है!"
कहानी से सीख:
कहानी की सीख यह है कि अगर हम किसी भी काम को करने की ठान लें और कड़ी मेहनत और धैर्य से उसे करें, तो हमें जरूर सफलता मिलती है। कभी हार मानने की जगह कोशिश करते रहना चाहिए, क्योंकि मेहनत से ही मंजिल मिलती है।