बच्चों की कहानी- एक थी बुढ़िया

बच्चों की कहानी- एक थी बुढ़िया- यह कहानी एक बुढ़िया की है, जो गाँव में मीठे आम बेचती है। एक दिन मोनू और सोनू उससे आम खरीदते हैं। मोनू को आम मीठा लगता है, लेकिन वह सोनू को मज़ाक में खट्टा बता देता है।

New Update
Ek Thi Budhiya A Fun Mango Story for Kids

Ek Thi Budhiya: A Fun Mango Story for Kids

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

बच्चों की कहानी- एक थी बुढ़िया- यह कहानी एक बुढ़िया की है, जो गाँव में मीठे आम बेचती है। एक दिन मोनू और सोनू उससे आम खरीदते हैं। मोनू को आम मीठा लगता है, लेकिन वह सोनू को मज़ाक में खट्टा बता देता है। बुढ़िया की सच्चाई और मोनू की शरारत से कहानी में हँसी-मज़ाक का माहौल बनता है। बाद में, बुढ़िया बच्चों को एक मज़ेदार खेल सिखाती है, जो दोस्ती और सच्चाई का सबक देता है। (Hindi story for kids, mango adventure, honesty lesson)


गाँव में बुढ़िया का आगमन: एक मीठा दिन (The Old Lady Arrives in the Village: A Sweet Day)

एक छोटे से गाँव में, जहाँ हरियाली और रंग-बिरंगे फूलों की क्यारियाँ थीं, एक बुढ़िया रहती थी। सभी उसे "आम वाली अम्मा" कहते थे, क्योंकि वह हर दिन टोकरी में ताज़े आम लेकर बेचने निकलती थी। उसके आम इतने मीठे थे कि बच्चे और बड़े, सब उसकी टोकरी का इंतज़ार करते थे। एक दिन, गर्मी की चिलचिलाती दोपहर में, बुढ़िया ने अपनी टोकरी सजाई और गाँव की गलियों में पुकारते हुए निकल पड़ी, "आम लो, मीठे-मीठे आम लो!" (Village mango seller, sweet mango story, summer tale)

मोनू की मुलाकात: आम की कीमत का सवाल (Monu Meets the Old Lady: The Price of Mangoes)

मोनू, एक शरारती लेकिन प्यारा सा लड़का, अपने घर के बाहर पेड़ की छाँव में अकेला बैठा था। उसकी नज़र बुढ़िया पर पड़ी, जो टोकरी लिए चिल्ला रही थी। मोनू ने उसे जोर से पुकारा, "अम्मा, इधर आओ!" बुढ़िया मुस्कुराते हुए पास आई और बोली, "कहो बेटा, क्या चाहिए?" मोनू ने टोकरी में झाँकते हुए कहा, "आम कैसे हैं?" बुढ़िया ने जवाब दिया, "बहुत मीठे हैं, बेटा।" मोनू ने पूछा, "कितने का एक आम?" "दो रुपये," बुढ़िया ने साफ कहा। मोनू चौंक गया, "बाप रे! एक आम के दो रुपये? बहुत महंगा है!" (Mango price dilemma, village kid story, fun interaction)

आम का स्वाद: मीठा या खट्टा? (The Taste of the Mango: Sweet or Sour?)

मोनू ने सोचा, "इतने महंगे आम का स्वाद तो चखना चाहिए।" उसने बुढ़िया से कहा, "अगर मीठा न हुआ तो?" बुढ़िया ने हँसते हुए कहा, "अगर मीठा न हुआ, तो दाम नहीं लूँगी।" उसने टोकरी से एक बड़ा, सुनहरा आम चुना और मोनू को दे दिया। मोनू दौड़कर पास के चापाकल पर गया, अपने हाथ धोए, और आम को अच्छे से धोकर खाने लगा। पहला काटा लेते ही उसकी आँखें चमक उठीं, "अरे वाह! यह आम तो शहद जैसा मीठा है!" उसने खुशी-खुशी आम खा लिया और बुढ़िया से पूछा, "आप क्या बेचती हैं?" बुढ़िया ने टोकरी दिखाते हुए कहा, "आम, बेटा।" (Sweet mango taste, kid’s reaction, joyful moment)

सोनू की एंट्री: मज़ाक का माहौल (Sonu Enters: A Playful Twist)

तभी मोनू का दोस्त सोनू वहाँ आ टपका। उसने देखा कि मोनू आम खा रहा है, तो उत्साहित होकर पूछा, "मोनू, ये आम कैसे हैं?" मोनू ने शरारत भरी मुस्कान के साथ कहा, "बिल्कुल खट्टे!" सोनू का चेहरा लटक गया, और वह बुढ़िया की ओर देखने लगा। बुढ़िया को गुस्सा आ गया। उसने झुंझलाकर कहा, "मोनू, अभी तुमने कहा कि आम शहद जैसा मीठा है, और अब झूठ बोल रहे हो कि खट्टा है? सच्चाई बोलो!" मोनू ने हँसते हुए कहा, "सोनू भाई, आम तो सचमुच बहुत मीठे हैं, मगर..." सोनू ने उत्सुकता से पूछा, "मगर क्या?" मोनू ने मुँह टेढ़ाकर जवाब दिया, "आम के दाम बहुत खट्टे हैं!" (Playful prank, mango price joke, friendship fun)

बुढ़िया का सबक: एक मज़ेदार खेल (The Old Lady’s Lesson: A Fun Game)

बुढ़िया को मोनू की बात सुनकर हँसी आ गई। उसने अपनी टोकरी नीचे रखी और दोनों बच्चों को पास बुलाया। "चलो, मैं तुम्हें एक खेल सिखाती हूँ," उसने कहा। उसने टोकरी से चार आम निकाले और कहा, "यह खेल है 'सच्चाई का खजाना'। तुम दोनों को एक-दूसरे से सच्ची बातें पूछनी हैं। जो झूठ बोलेगा, उसे एक आम टोकरी में वापस रखना होगा।" सोनू ने पहला सवाल पूछा, "मोनू, तुमने आज सुबह क्या खाया?" मोनू ने शरारत करते हुए कहा, "केक!" लेकिन सोनू जानता था कि मोनू ने पराठा खाया था। बुढ़िया ने कहा, "मोनू, झूठ बोला! एक आम वापस रखो।" खेल में दोनों ने खूब मज़े किए और सच्चाई का महत्व समझा। (Honesty game, fun activity, moral lesson)

गाँव की सैर: बुढ़िया की कहानी (A Village Stroll: The Old Lady’s Story)

Ek Thi Budhiya A Fun Mango Story for Kids
Ek Thi Budhiya: A Fun Mango Story for Kids

 खेल खत्म होने के बाद, बुढ़िया ने बच्चों को अपने साथ गाँव की सैर पर ले गई। रास्ते में उसने बताया कि वह हर साल अपने छोटे से बगीचे में आम उगाती है। "मेरे आमों में मेहनत और प्यार छुपा है, इसलिए वे इतने मीठे हैं," उसने कहा। उसने बच्चों को अपने बगीचे में ले जाकर आम के पेड़ दिखाए। मोनू और सोनू ने पहली बार आम तोड़ने का मज़ा लिया। उन्होंने बुढ़िया को गले लगाया और कहा, "आपके आम और आपकी बातें, दोनों बहुत मीठी हैं, अम्मा!" उस दिन दोनों दोस्तों ने न सिर्फ़ आम खाए, बल्कि एक नई दोस्ती की शुरुआत भी की। (Village stroll, mango garden, friendship bonding)

कहानी से सीख (Moral of the Story)

यह कहानी हमें सिखाती है कि सच्चाई बोलना बहुत ज़रूरी है। झूठ बोलकर हम मज़ाक तो कर सकते हैं, लेकिन इससे दूसरों का भरोसा टूट सकता है। बुढ़िया ने बच्चों को सिखाया कि मेहनत और प्यार से जो चीज़ बनती है, उसका स्वाद हमेशा मीठा होता है। हमें अपने दोस्तों के साथ मज़े करने चाहिए, लेकिन सच्चाई को कभी नहीं छोड़ना चाहिए। (Honesty lesson for kids, value of hard work, friendship moral)

और पढ़े 

हिंदी मजेदार कहानी: रोहन की खाना बनाने की कोशिश

बच्चों की हिंदी मज़ेदार कहानी: कौन ज्यादा बुद्धिमान

Fun Story: हीरालाल की कहानी

Fun Story: एक यूनियन का किस्सा 

Tags : best fun story for children | best hindi fun stories | best hindi fun stories in hindi | comedy and fun stories for kids | comedy and fun story | Fun Stories | Fun Stories for Kids | bachon ki hindi moral story | bachon ki moral story | clever animal moral story | hindi moral kahani | educational moral story

#educational moral story #hindi moral kahani #clever animal moral story #bachon ki moral story #bachon ki hindi moral story #Fun Stories for Kids #Fun Stories #comedy and fun story #comedy and fun stories for kids #best hindi fun stories in hindi #best hindi fun stories #best fun story for children