प्रेरक कहानी: सुनहरा हंस और लालच का सबक

"सुनहरा हंस और लालच का सबक" कहानी में सोनू नाम का एक सुनहरा हंस मालती और उसकी बेटियों की मदद करता है। वह उन्हें अपने सुनहरे पंख देता है, जिसे बेचकर वे अपनी ज़िंदगी बेहतर करते हैं।

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Motivational Story: Golden Hans and Lesson of Greed

Motivational Story: Golden Hans and Lesson of Greed

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प्रेरक कहानी: सुनहरा हंस और लालच का सबक

"सुनहरा हंस और लालच का सबक" कहानी में सोनू नाम का एक सुनहरा हंस मालती और उसकी बेटियों की मदद करता है। वह उन्हें अपने सुनहरे पंख देता है, जिसे बेचकर वे अपनी ज़िंदगी बेहतर करते हैं। लेकिन मालती लालच में आकर सोनू के सारे पंख नोच लेती है, जिससे वे सफेद हो जाते हैं। सोनू गुस्से में चला जाता है, और मालती को अपनी गलती का एहसास होता है। (Sunhare Hans Ki Kahani Summary, Hindi Moral Tale)

कहानी: झील के किनारे एक नेक हंस (The Story: A Noble Goose by the Lakeside)

कई साल पहले की बात है, एक शांत झील के किनारे एक खास हंस रहता था, जिसका नाम था सोनू। सोनू के पंख सुनहरे थे, जो सूरज की रोशनी में चमकते थे। वह इतना सुंदर था कि उसे देखकर हर कोई हैरान रह जाता। उसी झील के पास एक छोटी सी झोपड़ी में मालती नाम की एक बूढ़ी औरत अपनी दो बेटियों, रीना और मीना, के साथ रहती थी। मालती बहुत मेहनती थी, लेकिन फिर भी उनकी ज़िंदगी में हमेशा तंगी बनी रहती। वे दिन-रात मेहनत करतीं, पर पेट भर खाना भी मुश्किल से जुटा पातीं।

एक दिन सोनू हंस ने मालती और उसकी बेटियों को उदास देखा। उसने सोचा, "ये लोग बहुत गरीब हैं। मैं इन्हें एक सुनहरा पंख दे देता हूँ। इसे बेचकर ये अपनी ज़िंदगी बेहतर कर सकती हैं।" अगले दिन सोनू मालती की झोपड़ी के पास पहुँचा। मालती ने उसे देखकर कहा, "अरे, सुंदर हंस! मेरे पास तो तुम्हें देने के लिए कुछ भी नहीं है। फिर यहाँ क्यों आए?"

सोनू ने अपनी मधुर आवाज़ में जवाब दिया, "मालती अम्मा, मैं तुम्हारे लिए कुछ लाया हूँ।" उसने एक सुनहरा पंख मालती को दिया और कहा, "इसे बाज़ार में बेच दो। इससे तुम्हारी कुछ मुश्किलें हल हो जाएँगी।" मालती और उसकी बेटियाँ यह सुनकर बहुत खुश हुईं। अगले दिन वे पंख लेकर बाज़ार गईं। वह पंख इतना कीमती था कि उन्हें अच्छे पैसे मिल गए। उस दिन वे ढेर सारा सामान और खाना लेकर खुशी-खुशी घर लौटीं।

सोनू की मदद और मालती का लालच (Sonu’s Help and Malti’s Greed)

सोनू हर कुछ दिनों में मालती को एक सुनहरा पंख देता। रीना और मीना सोनू के साथ खेलतीं, उसे प्यार करतीं। बारिश और ठंड के दिनों में वे उसे अपनी झोपड़ी में बुलाकर उसकी देखभाल करतीं। सोनू भी उनके साथ खुश रहता। धीरे-धीरे मालती का घर समृद्ध होने लगा। लेकिन जैसे-जैसे समय बीता, मालती का लालच बढ़ने लगा। एक दिन उसने अपनी बेटियों से कहा, "रीना-मीना, एक पंख से क्या होता है? हमें तो ढेर सारे पंख चाहिए। कल जब सोनू आए, तो हम उसके सारे पंख नोच लेंगे। फिर हमें कभी मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।"

रीना ने माँ की बात सुनकर कहा, "अम्मा, यह गलत है! सोनू हमारा दोस्त है। उसने हमारी इतनी मदद की है।" मीना ने भी सिर हिलाते हुए कहा, "हाँ, अम्मा। हमें ऐसा नहीं करना चाहिए।" लेकिन मालती ने उनकी बात नहीं मानी। उसने सोचा, "मैं अकेले ही यह काम कर लूँगी।"

Motivational Story: Golden Hans and Lesson of Greed
Motivational Story: Golden Hans and Lesson of Greed

 

अगले दिन मालती ने सोनू का इंतज़ार किया। जैसे ही सोनू झोपड़ी के पास आया, मालती ने उसे पकड़ लिया और उसके पंख नोचने लगी। लेकिन जैसे ही उसने पंख तोड़े, वे सुनहरे से सफेद हो गए। मालती यह देखकर रोने लगी। उसने सोनू को छोड़ दिया और कहा, "यह क्या हो गया?"

सोनू का गुस्सा और मालती की गलती (Sonu’s Anger and Malti’s Mistake)

सोनू ने गुस्से में कहा, "मालती अम्मा, तुमने लालच में आकर मुझसे धोखा किया। मेरे पंख तभी सुनहरे रहते हैं, जब मैं अपनी मर्ज़ी से इन्हें देता हूँ। तुमने मेरी इच्छा के बिना इन्हें नोच लिया, इसलिए ये सफेद हो गए। अब मैं यहाँ नहीं रुकूँगा।" इतना कहकर सोनू उड़ गया और फिर कभी उस झील पर नहीं लौटा।

मालती अपनी गलती पर पछताने लगी। उसने रीना और मीना से कहा, "मुझे तुम्हारी बात मान लेनी चाहिए थी। मेरे लालच ने सब बर्बाद कर दिया।" रीना ने माँ को गले लगाकर कहा, "कोई बात नहीं, अम्मा। अब हम फिर से मेहनत करेंगे और अपनी ज़िंदगी बनाएँगे।" उस दिन के बाद मालती ने लालच छोड़ दिया और अपनी बेटियों के साथ मेहनत करके गुज़ारा करने लगी। (Sunhara Hans Ki Kahani, Greed Moral Tale)

सीख (Moral of the Story)

बच्चों, इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें लालच नहीं करना चाहिए। मालती ने सोनू के साथ धोखा किया और उसका लालच उसे ले डूबा। जो कुछ हमें अपनी मेहनत और अच्छाई से मिलता है, उसमें संतुष्ट रहना चाहिए। लालच हमें गलत रास्ते पर ले जाता है और हमारी अच्छाइयों को छीन लेता है। हमें मेहनत और ईमानदारी से अपनी ज़िंदगी बनानी चाहिए, ताकि हमें कभी पछताना न पड़े। (Lesson on Greed, Motivational Story for Kids)

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