स्कूल के रहस्यमय चोर का पर्दाफाश एक बार की बात है, सेंट जेम्स स्कूल में कुछ अजीब घटनाएं होने लगीं। अचानक स्कूल के प्रिंसिपल श्री वर्मा के कमरे से स्कूल की जरूरी फाइलें गायब हो जाती थीं, और कई बार टीचर्स की किताबें भी इधर-उधर रखी मिलती थीं। By Lotpot 08 Oct 2024 in Fun Stories Moral Stories New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 रहस्यमय चोर - एक बार की बात है, सेंट जेम्स स्कूल में कुछ अजीब घटनाएं होने लगीं। अचानक स्कूल के प्रिंसिपल श्री वर्मा के कमरे से स्कूल की जरूरी फाइलें गायब हो जाती थीं, और कई बार टीचर्स की किताबें भी इधर-उधर रखी मिलती थीं। बच्चों के बीच अफवाह थी कि स्कूल में कोई रहस्यमय चोर है। राघव, काव्या और रोनित, जो खुद को "जासूस टोली" कहते थे, इस रहस्य को सुलझाने का निश्चय करते हैं। राघव: "देखो, यह मामला कुछ गड़बड़ है। इतनी बड़ी स्कूल फाइलें कोई ऐसे ही गायब नहीं कर सकता। जरूर कोई अंदर का आदमी है।"काव्या: "हम हर रोज चुपचाप देखते हैं, स्कूल में कुछ खास होता है।"रोनित: "तो फिर आज रात को प्लान बनाते हैं। हम स्कूल में छिपकर रहेंगे और देखेंगे कि कौन फाइलें चुराता है।" अगले दिन स्कूल छूटने के बाद, तीनों बच्चों ने प्लान के अनुसार स्कूल में छिपकर रहना शुरू किया। सबसे पहले उन्होंने गणित की टीचर, श्रीमती शर्मा के कमरे के बाहर नजर रखी। उन्हें शक था कि शायद किसी के पास टीचर के रूम की चाबी है। रात को ठीक 8 बजे, उन्होंने देखा कि श्यामलाल चपरासी धीरे-धीरे टीचर के कमरे की तरफ जा रहा है। वो तीनों चुपचाप उसके पीछे चलने लगे। काव्या (धीरे से): "क्या श्यामलाल अंकल चोर हो सकते हैं?"रोनित: "सुनो, चुप रहो! देखते हैं वो क्या करता है।" श्यामलाल ने टीचर के कमरे का दरवाजा खोलकर एक पुरानी डायरी निकाली और उसे चुपचाप अपने बैग में रख लिया। राघव: "ये क्या! चपरासी अंकल क्यों यह कर रहे हैं?"काव्या: "चलो, इसे पकड़ते हैं।" तीनों ने तुरंत शोर मचाना शुरू किया। उनकी आवाज सुनकर प्रिंसिपल श्री वर्मा और अन्य टीचर वहां पहुँच गए। श्यामलाल पकड़ा गया और उसने बताया कि किसी बाहरी व्यक्ति ने उसे पैसे देने का वादा किया था ताकि वह स्कूल की उस पुरानी डायरी को चुपचाप छिपा दे। इस डायरी में स्कूल के पुराने रिकॉर्ड्स थे, जिनमें महत्वपूर्ण जानकारी थी। श्यामलाल ने उस व्यक्ति का नाम नहीं बताया, लेकिन वह समझ गया कि उसने गलत काम किया है। उस बाहरी व्यक्ति का उद्देश्य स्कूल के पुराने रिकॉर्ड्स को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना था। प्रिंसिपल वर्मा: "तो यह सब कोई और करवा रहा था?"श्यामलाल (झेंपते हुए): "मुझे माफ कर दीजिए। मुझे कुछ पैसे चाहिए थे, इसलिए मैंने उनकी मदद की।" प्रिंसिपल वर्मा: "तुम्हें अपनी गलती की सजा मिलनी चाहिए, परंतु इस स्कूल के बच्चों ने हिम्मत दिखाकर हमें सही रास्ता दिखाया।" सीख: कहानी में बच्चों ने समझदारी और हिम्मत का परिचय दिया। उन्होंने दिखाया कि कभी-कभी बड़ी मुश्किलें भी साहस और बुद्धि से हल की जा सकती हैं। यह भी पढ़ें:- सीख देती मजेदार कहानी: राजा और मधुमक्खी मजेदार हिंदी कहानी: आलसी राजू मजेदार हिंदी कहानी: घमण्डी राजा Fun Story: घमंडी ज़मींदार You May Also like Read the Next Article