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सुरक्षित पेय जल
स्वास्थ्य जानकारी: सुरक्षित पेय जल:- सुरक्षित और आसानी से उपलब्ध पानी सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, चाहे इसका उपयोग पीने, घरेलू उपयोग, खाद्य उत्पादन या मनोरंजन के लिए किया जाए। बेहतर जल आपूर्ति और स्वच्छता, और जल संसाधनों का बेहतर प्रबंधन, देशों की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दे सकता है और गरीबी में कमी लाने में बहुत योगदान दे सकता है। दूषित पानी का इस्तेमाल करने से हैजा, दस्त, पेचिश, हेपेटाइटिस ए, टाइफाइड और पोलियो जैसी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।
आइए इस लेख में जानते हैं कि असुरक्षित जल से क्या परेशानियाँ उत्पन्न हो सकती हैं, साथ ही यह भी जानेंगे कि उनसे बचाव कैसे किया जाए:-
1) असुरक्षित पेय जल के उपयोग से पीलिया, मयादी बुखार और दस्त लगना जैसे रोग हो सकते हैं।
2) भारत में लगभग 70 प्रतिशत लोगों को सुरक्षित पेय जल की सुविधा प्राप्त नहीं है।
3) साधारण नल का पानी सदैव सुरक्षित नहीं होता।
4) असुरक्षित पानी से बनाई गई बर्फ भी असुरक्षित होती है और उस का उपयोग हानिकारक हो सकता है।
5) असुरक्षित पानी से साफ की गई सब्जियां और फल भी असुरक्षित रह जाते हैं।
6) साधारण जल में 30 मिनट तक क्लोरीन की क्रिया के फलस्वरूप अनेकों प्रकार के अति सूक्षम कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।
7) इसी प्रकार पानी में 30 मिनट तक आयोडीन की कुछ बूंदे मिलाने से भी अनेक अति सूक्ष्म कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।
8) दूषित पानी का स्वाद भी अप्रिय होता है।
9) पानी जो अल्ट्रा वायलेट किरणों से हो कर गुजरा है या जो रिर्वस ऑस्मोसिस क्रिया द्वारा शुद्ध किया गया है पूरी तरह सुरक्षित होता है।
10) अति सूक्ष्म कीटाणुओं से मुक्त करने के लिये पानी को 1-3 मिनट तक उबालना चाहिए।
11) बोतल का पानी खरीदने की तुलना में आरओ और यूवी द्वारा शुद्ध किया गया पेय जल सस्ता पड़ता है।
12) यदि आरओ क्रिया से शुद्ध किया गया पानी किसी दूषित बर्तन में रखा जाता है तो पानी भी दूषित हो जाता है।
13) आरओ द्वारा शुद्ध किया गया पानी सदैव सुरक्षित बर्तनों में रखना चाहिए।
14) सब्जी सदैव बहते हुये पानी से धोनी चाहिए। रूके हुये पानी से समार्क होने पर उनके दूषित होने की सम्भावना बढ़ जाती है।