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थाइराइड की समस्या एक साइलेंट किलर है जो वंशानुगत भी हो सकती है और थाइराइड ग्रंथि के ठीक से काम न करने पर भी हो सकती है लेकिन उपचार न होने पर यह कई बीमारियों का कारण बन जाती है। हम जो भोजन लेते हैं उसे यह थाइराइड ग्रंथि शरीर के लिए उपयोगी उर्जा में तब्दील करती है। इसके लिए थाइराइड हार्मोन की भूमिका अहम होती है। समस्या तब आती है जब ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती। ऐसे में थकान, कमजोरी, जल्द जुकाम होने, त्वचा सूखने, बाल झड़ने, हाथ पैर ठंडे रहने, वजन बढ़ने, अवसाद, कब्ज, इन्सोम्निया, डाइमेन्शिया, याददाश्त कमजोर होने से लेकर प्रतिरोधक क्षमता कम होने जैसी समस्याएं होती हैं।
अपनी डाइट चार्ट में ऐसे खाद्य-पदार्थों को शामिल कीजिए जिसमें आयोडीन की भरपूर मात्रा हो। क्योंकि आयोडीन की मात्रा थाइराइड फक्शनस् को प्रभावित करती है।
काजू, बादाम और सूरजमुखी के बीज में काॅपर की मात्रा होती है।
हरी और पत्ते दार सब्जियों में आयरन की भरपूर मात्रा होती है।
पनीर और हरी मिर्च तथा टमाटर थाइराइड ग्रंथि के लिए फायदेमंद हैं।
विटामिन और मिनरल्स युक्तय आहार खाने से थाइराइड फंक्शंन में वृद्धि होती है।
प्याम, लहसुन, मशरूम में ज्याादा मात्रा में विटामिन पाया जाता है।
कम वसायुक्त आइसक्रीम और दही का भी सेवन थाइराइडके मरीजों के लिए फायदेमंद है।
गाय का दूध भी थाइराइड के मरीजों को पीना चाहिए।
नारियल का तेल भी थाइराइड फंक्शस में वृद्धि करता है। नारियल तेल का प्रयोग सब्जी बनाते वक्तम भी किया जा सकता है।
सोया और उससे बने खाद्य-पदार्थों का सेवन बिलकुल मत कीजिए।
जंक और फास्टस फूड भी थाइराइडग्रंथि को प्रभावित करते हैं। इसलिए फास्टप फूड को अपनी आदत मत बनाइए।
ब्रोक्कली, गोभी जैसे खाद्य-पदार्थ थाइराइड फंक्शन को कमजोर करते हैं।
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