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शिकारी और लोमड़ी की कहानी- लालच का अंत: एक शिकारी और लोमड़ी की कहानी - यह कहानी हमें यह समझाती है कि जीवन में संतुलन और समझदारी जरूरी है। लालच में आकर बिना सोचे-समझे किए गए निर्णय हमेशा दुखदायी होते हैं। शिकारी और लोमड़ी दोनों ने लालच के कारण अपने प्राण गंवाए। यह कहानी एक स्पष्ट संदेश देती है कि हमें अपने जीवन में संतुलन बनाए रखना चाहिए और बिना सोचे-समझे कोई भी कदम नहीं उठाना चाहिए। चलिए कहानी को पढ़ते हैं :-
किसी गाँव में एक शिकारी रहता था, जो हर रोज जंगल में शिकार के लिए जाता था। एक दिन, जब वह अपने शिकार की तलाश में निकला, तो उसे कई घंटों तक कोई भी शिकार नहीं मिला। थककर वह एक बड़े पेड़ के नीचे बैठ गया और थोड़ा आराम करने लगा। अचानक, उसकी नजर एक घास चरते हुए हिरन पर पड़ी। शिकारी ने अपने तीर और धनुष को संभाला, और बिना समय गंवाए हिरन पर निशाना साध दिया। तीर सीधा हिरन की पीठ में जा लगा, जिससे वह कुछ देर तड़पता रहा और फिर उसने दम तोड़ दिया।
शिकारी ने हिरन को अपनी पीठ पर लादा और खुशी-खुशी अपने घर की ओर चल दिया। रास्ते में, उसे एक जंगली सुअर दिखाई दिया। सुअर को देखकर शिकारी के मन में लालच जाग उठा। उसने सोचा, "यदि मैं इस जंगली सुअर को भी मार लूँ, तो आज का दिन मेरे लिए सच में बहुत भाग्यशाली साबित होगा।" यही सोचकर उसने हिरन को जमीन पर फेंक दिया और जंगली सुअर का शिकार करने के लिए दौड़ पड़ा।
शिकारी ने सुअर पर निशाना साधा और तीर छोड़ दिया। तीर सीधा सुअर के पेट के आर-पार हो गया, लेकिन सुअर में अभी भी जान बाकी थी। सुअर ने दर्द में शिकारी पर हमला कर दिया और अपने नुकीले दांत उसके पेट और पीठ में गाड़ दिए। शिकारी वहीं तड़पता हुआ मर गया। कुछ देर बाद, जंगली सुअर ने भी दम तोड़ दिया। अब जंगल में तीन शव पड़े थे: एक हिरन का, दूसरा शिकारी का, और तीसरा जंगली सुअर का।
कुछ घंटों बाद, वहाँ से एक भूखी लोमड़ी गुजरी। उसने जब तीनों शवों को देखा, तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इतने सारा भोजन देखकर लोमड़ी के मन में भी लालच आ गया। उसने सोचा, "इतना सारा मांस! इससे तो मैं कई महीनों तक आराम से पेट भर सकती हूँ।"
लेकिन लोमड़ी इतनी लालची हो गई कि उसने सोचा, "क्यों न पहले इस तीर के आसपास लगे खून को चाट लूँ, फिर मांस खाना शुरू करूंगी।" जैसे ही उसने तीर को अपने मुँह में डाला, वह उसके जबड़े और गले को चीरता हुआ निकल गया। उसके गले से खून बहने लगा, जिससे वह दर्द से कराह उठी। जल्दी ही, लोमड़ी ने भी अपने प्राण त्याग दिए।
इस प्रकार, लोमड़ी भी अपनी लालच के कारण मारी गई। जिस तरह शिकारी ने अधिक शिकार के लालच में अपनी जान गँवाई, उसी तरह लोमड़ी ने भी लालच में अपनी जान गंवा दी।
प्रेरणादायक कहानी से सीख :
इस कहानी से यह सीख मिलती है कि लालच हमेशा बुरा परिणाम देता है। चाहे वह शिकारी का हिरन छोड़कर सुअर का शिकार करने का लालच हो, या लोमड़ी का बिना सोचे-समझे तीर को चाटने का फैसला। जीवन में संतुलन बनाए रखना और सोच-समझकर निर्णय लेना ही सबसे अच्छी राह होती है। जो लोग लालच के वशीभूत होकर कार्य करते हैं, वे अक्सर अपने ही बनाए जाल में फंस जाते हैं।
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लेखिका : प्रियंका यादव