बाल कहानी : किस्मत का चक्कर

राहुल का दिमाग पढ़ाई में ठीक था लेकिन वह मेहनत से ज्यादा अपनी किस्मत पर भरोसा करता था। जब भी उसे कोई समझाने की कोशिश करता। तो वह कहता था, अरे अगर मेरी किस्मत में पास होने लिखा होगा तो मैं ऐसे ही पास हो जाऊँगा और अगर मेरी किस्मत में फेल होना लिखा है तो चाहें मैं कितनी भी मेहनत क्यों न करूँ, मुझे दुनिया की कोई ताकत पास नहीं कर सकती। राहुल के मम्मी-पापा उसे बहुत समझाते लेकिन वह एक कान से सुनता और दूसरे सेे निकाल देता।

By Lotpot
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Kid Story Kismat ka Chakkar in Hindi

राहुल का दिमाग पढ़ाई में ठीक था लेकिन वह मेहनत से ज्यादा अपनी किस्मत पर भरोसा करता था। जब भी उसे कोई समझाने की कोशिश करता। तो वह कहता था, अरे अगर मेरी किस्मत में पास होने लिखा होगा तो मैं ऐसे ही पास हो जाऊँगा और अगर मेरी किस्मत में फेल होना लिखा है तो चाहें मैं कितनी भी मेहनत क्यों न करूँ, मुझे दुनिया की कोई ताकत पास नहीं कर सकती।

अकबर ने राहुल सुधारने की निकाली तरकीब

राहुल के मम्मी-पापा उसे बहुत समझाते लेकिन वह एक कान से सुनता और दूसरे सेे निकाल देता। राहुल का एक दोस्त था। अकबर हमेशा अपनी कलास में प्रथम आता था। अकबर भी राहुल को बहुत समझाता लेकिन राहुल उसे हमेशा अपनी किस्मत की बात सुनाने लग जाता। हार कर अकबर ने राहुल को सुधारने की एक तरकीब निकाली। उसने अपनी योजना में राहुल के मम्मी-पापा को भी शामिल कर लिया।

एक दिन रात को जब राहुल सो रहा था, तब अचानक एक आवाज उसे सुनाई दी। राहुल उठो, राहुल उठो।

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राहुल आवाज सुनकर उठ बैठा। जब उसे कोई नहीं दिखा तो वह घबरा गया।

तभी वह आवाज फिर आने लगी, राहुल घबराओं मत मैं तुम्हारी किस्मत हूँ। मैं तुम्हें यह बताने आई हूँ कि मैं तुम्हारा साथ छोड़ कर जा रही हूँ। अब अगर तुम पास होना चाहो तो अपनी मेहनत का सहारा लो।

यह कहकर आवाज बंद हो गई।

राहुल सोच में पड़ गया कि अब क्या होगा? फिर उसने फैसला किया कि अब मेहनत का सहारा लेकर ही पास होगा।

राहुल ने की खूब मेहनत

धीरे-धीरे समय बीतने लगा। राहुल अब मन लगाकर पढ़ाई में जुट गया। उसने वार्षिक परीक्षा में खूब मेहनत की और प्रथम श्रेणी में पास हुआ।

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जब वह यह खुशखबरी अपने मम्मी-पापा को सुनाने घर पहुँचा तो वहाँ पहले से ही अकबर मौजूद था। राहुल खुशी से चहकते हुए बोला। मम्मी मैं प्रथम श्रेणी में केवल अपनी किस्मत का साथ छोड़ देने पर पास हुआ हूँ। उसकी बात सुनकर मम्मी-पापा मुस्कुरा दिए। बोले-देखो बेटा, तुम्हारी किस्मत आज भी तुम्हारे साथ है।

लेकिन किस्मत सिर्फ उसी का साथ देती है जो अपनी किस्मत खुद मेहनत से बनाता है। एक बात और उस दिन जो तुम्हें अपनी किस्मत की आवाज सुनाई दी थी वह दरअसल हमने ही टेपरिकार्डर द्वारा निकाली थी। ताकि तुम किस्मत का साथ छोड़ मेहनत का सहारा लो।

ओह पापा! आप कितने अच्छे हैं, अगर आप सही वक्त पर मुझे यह शिक्षा न देते तो मैं कभी पास नहीं हो पाता। सच ही है आदमी को कभी अपनी किस्मत के सहारे नहीं रहना चाहिए, बल्कि मेहनत से अपनी किस्मत बनानी चाहिये। कहकर राहुल पापा से लिपट गया।

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