Stories बाल कहानी : साधु रूप में बहुरूपिया बाल कहानी : साधु रूप में बहुरूपिया :- बहुरूपिया राजा के दरबार में पहुँचा और बोला यश पताका आकाश में सदैव फहराती रहे। बस दस रूपये का सवाल है, महाराज से बहुरूपिया और कुछ नहीं चाहता। By Lotpot 23 Mar 2021
Stories बाल कहानी : नये साल की कसम लोमड़ मामा डींग हाँकने में सबसे आगे था। कहीं कोई बात निकलती तो वह कहता। इसमें बड़ी बात क्या है? यह तो मेरे बाएं हाथ का खेल है। कभी कहता, मैंने दुश्मनों के दाँत खट्टे कर दिये। तो कभी बोलता, डाकुओं से ऐसी मुठभेड़ हुई कि वे दुम दबाकर भाग खड़े हुए। कभी शेर को नीचा दिखाने की बात बताता तो कभी साँप को टुकड़े-टुकड़े करने की कहानी सुनाता। एक दिन लोमड़ मामा ‘खरगोश बस्ती’ में पहुँच कर अपनी डींग हाँकने लगा। उसकी डीगं सुनकर सब तंग आ चुके थे। तब खनकू और मनकू नामक खरगोशों ने सोचा कि अब लोमड़ मामा की पोल खोल देने में ही सबका भला है। By Lotpot 03 Jan 2020
Stories बाल कहानी : किस्मत का चक्कर राहुल का दिमाग पढ़ाई में ठीक था लेकिन वह मेहनत से ज्यादा अपनी किस्मत पर भरोसा करता था। जब भी उसे कोई समझाने की कोशिश करता। तो वह कहता था, अरे अगर मेरी किस्मत में पास होने लिखा होगा तो मैं ऐसे ही पास हो जाऊँगा और अगर मेरी किस्मत में फेल होना लिखा है तो चाहें मैं कितनी भी मेहनत क्यों न करूँ, मुझे दुनिया की कोई ताकत पास नहीं कर सकती। राहुल के मम्मी-पापा उसे बहुत समझाते लेकिन वह एक कान से सुनता और दूसरे सेे निकाल देता। By Lotpot 03 Jan 2020
Stories बाल कहानी : नये साल का अमूल्य उपहार रोमिका जंगल का शासक ‘राॅकी शेर’ प्रति वर्ष नये साल पर खूब खुशियाँ मनाया करता। नये साल की नूतन बेला में वह जंगल के समस्त प्राणियों को दावत देता और विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएँ भी आयोजित करवाता। इससे जंगल के सभी प्राणी बड़े खुश रहते। और उन्हें नये साल के आगमन का हर साल बेसब्री से इंतजार रहता। एक साल-नूतन वर्ष के दिन संत मीन्टू भालू पधारे। उन्होंने अपना पड़ाव जंगल की सीमा पर ही जमाया। उनकी प्रसिद्धि की शौहरत सुनकर खुद ‘राॅकी शेर’ उनके दर्शनार्थ पहुँचा और बोला। आज नूतन वर्ष का शुभ दिन है। By Lotpot 03 Jan 2020