Jungle Story: दोस्ती की परीक्षा चंपक वन में चीकू बन्दर, मीकू खरगोश और नीटू लोमड़ की बहुच चर्चा थी। चंपक वन के निवासी जानवर उनकी दोस्ती की मिसाल दिया करते थे। वन में कोई विद्यालय नहीं था। अतः वे तीनों पड़ोस के वन में पढ़ने जाया करते थे। By Lotpot 06 Jan 2024 in Stories Jungle Stories New Update दोस्ती की परीक्षा Jungle Story दोस्ती की परीक्षा:- चंपक वन में चीकू बन्दर, मीकू खरगोश और नीटू लोमड़ की बहुच चर्चा थी। चंपक वन के निवासी जानवर उनकी दोस्ती की मिसाल दिया करते थे। वन में कोई विद्यालय नहीं था। अतः वे तीनों पड़ोस के वन में पढ़ने जाया करते थे। लेकिन वहाँ पहुँचने के लिए उन्हें नदी पार करनी होती थी। (Jungle Stories | Stories) नाव की सुविधा थी अतः तीनों मित्र साथ-साथ आते-जाते थे। नाव खेने वाले भालू चाचा भी उनकी गहरी दोस्ती की बात सुन चुके थे। उन्होंने सोचा कि क्यों न उनकी दोस्ती की परीक्षा ली जाये। भालू चाचा कम होशियार नहीं थे। एक दिन जब वे तीनों नाव में बैठे और नाव बीच नदी में पहुँची तो भालू चाचा ने नाव रोकते हुए कहा। बच्चों, आज न जाने क्यों मेरी नाव डगमगा रही है। लगता है कुछ गड़बड़ है या फिर बोझ ज्यादा हो गया है इसलिए नाव डूबने का खतरा है यदि तुममें से कोई उतर जाए तो डूबने का भय समाप्त हो जाएगा। (Jungle Stories | Stories) भालू चाचा की बात सुन कर तीनों मित्र एक दूसरे का चेहरा देखने लगे। तभी अचानक चीकू बंदर ने मीकू खरगोश को धक्का देकर पानी में गिरा दिया। अब केवल दो मित्र ही नाव में थे। नाव फिर धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगी। कुछ दूर आगे जाकर भालू चाचा ने फिर कहा। लगता है कि नाव पर अब भी भार अधिक है और डूबने का खतरा भी है। तुम दोनों में से कोई एक कम हो जाओ तो नाव डूबने का डर समाप्त हो जाएगा। इस बार फिर दोनों एक दूसरे की तरफ देखने लगे। कुछ देर बाद अवसर पाकर नटखट लोमड़ ने चीकू बन्दर को पानी में ढकेल दिया। क्योंकि चीकू से अधिक शक्तिशाली थी नदी का किनारा अभी भी बहुत दूर था। (Jungle Stories | Stories) चलते-चलते भालू चाचा ने कहा लगता है मेरी नाव तुम्हारा बोझ भी नहीं उठा पा रही है इसलिए तुम्हें भी उतरना पड़ेगा। नटखट लोमड़ डर गया घबराकर बोला, ‘यह क्या कह रहे हो चाचा? क्या तुमने हम तीनों को डुबोने के लिए नाव में बिठाया था आज भालू चाचा ने मुस्कुरा कहा, मैं तो समझता था कि तुम तीनों सच्चे मित्र हो, लेकिन यह मेरी भूल थी। तुम सब स्वार्थी हो, अपनी जान बचाने के लिए दूसरे की जान लेने वाले हो। यदि तुम एक दूसरे के लिए जान देने वाले हो तो मैं तुम लोगों को डुबोता नहीं, भालू चाचा ने कहा। वैसे वे दोनों डूबे नहीं है। वह देखो, मेरे मित्र कछुए ने उन्हें पहले ही किनारे पहुँचा दिया है। यदि तुम सच्चे मित्र होते तो एक दूसरे पर जान छिड़कते। मैं तो तुम लोगों की परीक्षा ले रहा था। परीक्षा में तुम लोग असफल रहे।वास्तव में दोस्ती की परीक्षा संकट में ही होती है। (Jungle Stories | Stories) lotpot-e-comics | hindi-bal-kahania | bal kahani | short-stories | short-hindi-stories | hindi-short-stories | hindi-stories | kids-hindi-stories | kids-jungle-stories | hindi-jungle-stories | लोटपोट | lottpott-i-konmiks | hindii-baal-khaanii | baal-khaanii | hindii-khaaniyaan | chottii-hindii-khaanii यह भी पढ़ें:- Jungle Story: चालाक हिरण Jungle Story: खरगोश 2.0 Jungle Story: कछुआ और हंस Jungle Story: जैसी करनी वैसी भरनी #बाल कहानी #लोटपोट #Lotpot #Bal kahani #Hindi Jungle Stories #Hindi Bal kahania #लोटपोट इ-कॉमिक्स #lotpot E-Comics #kids Jungle Stories #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी कहानी #hindi stories #hindi short Stories #Short Hindi Stories #short stories #हिंदी कहानियाँ #kids hindi stories You May Also like Read the Next Article