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नेकी का फल मीठा
Jungle Story नेकी का फल मीठा:- सुन्दर वन के राजा बब्बर शेर को अपनी ताकत पर बहुत घंमड हो गया था। वह सुन्दर वन में रहने वाले अन्य पशुओं को बहुत तंग करता था। अगर अकेले दुकेले में कोई पशु सामने पड़ जाता तो बब्बर शेर उस को मार कर खा जाने में परहेज नहीं करता। (Jungle Stories | Stories)
एक दिन रामू कुत्ते की माँ सख्त बीमार हो गयी। वह जब शाम के समय अपनी बीमार माँ के लिए...
एक दिन रामू कुत्ते की माँ सख्त बीमार हो गयी। वह जब शाम के समय अपनी बीमार माँ के लिए दवा लेने के लिए हकीम के पास जा रहा था। तो बीच जंगल में उसका सामना बब्बर शेर से हो गया। (Jungle Stories | Stories)
बब्बर को देख रामू का डर के मारे पसीना छूट गया।
बब्बर रामू को देख दहाड़ा और होंठो पर जुबान फेरता हुआ बोला- ‘मैं आज बहुत भूखा हूँ, तुम्हें खा जाऊँगा।’ (Jungle Stories | Stories)
यह सुन रामू की घिघ्घी बँध गयी। वह गिड़गिड़ाता हुआ बोला ‘आज मुझे जाने दो बब्बर दादा, मेरी माँ बहुत बीमार है। दवा न मिली तो वह मर जायेगी, मैं तुम्हारा एहसान कभी नहीं भुलूँगा।’’
रामू की गिड़गिड़ाहट सुन पता नहीं कैसे बब्बर को रहम आ गया, उसने रामू को छोड़ दिया।
दिन बीतते गये। अचानक शिकारियों की एक टोली सुन्दर वन में आ गयी। बब्बर शेर शिकारियों के घेरे में फंस गया। शिकारियों ने बब्बर पर बन्दूक से गोलियाँ बरसायी। दो-तीन गोलियाँ बब्बर की अगली दोनों टांगों में लगीं। वह बुरी तरह से घायल हो गया। बड़ी मुश्किल से घिसटता हुआ वह अपनी मांद तक पहुँच सका। अब घमंडी बब्बर लाचार और बेबस था। घायल होने की वजह से वह अब किसी जीव का शिकार करके नहीं खा सकता था। सुन्दर वन में रहने वाले अन्य पशु बब्बर की हालत पर खुश थे। बब्बर ने ताकत के नशे में उनको जितना सताया था उसके कारण सब बब्बर से घृणा करते थे। (Jungle Stories | Stories)
घायल बब्बर के भूखों मरने की नौबत आ गयी। रामू कुत्ते को जब बब्बर की हालत का पता चला तो वह उसकी मांद में पहुँचा।
रामू को देख बब्बर की आँखों में आँसू आ गये। रामू ने बब्बर की टांगों में से गोलियों को बाहर निकाला और अपनी जुबान से उसके घावों को चाटा। इस से बब्बर को काफी आराम मिला। जब तक बब्बर ठीक नहीं हो गया। रामू कसाई की दुकान के बाहर बिखरे हुये मांस के टुकड़ों को इकट्टा करके उसके खाने के लिए लाता रहा। यही नहीं जुबान से चाट चाट कर रामू ने बब्बर के घावों को भी ठीक कर दिया। (Jungle Stories | Stories)
कुछ दिनों में ही बब्बर बिल्कुल ठीक हो गया। वह अब बहुत बदल गया था। उसका घमंड जाता रहा था। वह समझ गया था कि सब से प्रेम करने और मिल जुल कर रहने में ही भलाई है। छोटे से छोटा और कमजोर मित्र भी बुरे वक्त में काम आता है। नेकी का फल सदा अच्छा होता है। (Jungle Stories | Stories)
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