Jungle Story: शैतानी की सज़ा

हिमाचल के घने जंगल में हाथियों का एक विशाल झुंड रहता था। उन सब में बहुत एकता थी। एक दूसरे की वे सब खूब सहायता करते थे। सबने मिलकर एक बूढ़े हाथी को मुखिया बना रखा था। सब मुखिया की बात मानते थे।

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शैतानी की सज़ा

Jungle Story शैतानी की सज़ा:- हिमाचल के घने जंगल में हाथियों का एक विशाल झुंड रहता था। उन सब में बहुत एकता थी। एक दूसरे की वे सब खूब सहायता करते थे। सबने मिलकर एक बूढ़े हाथी को मुखिया बना रखा था। सब मुखिया की बात मानते थे। (Jungle Stories | Stories)

मुखिया हाथी बहुत बुद्धिमान और शक्तिशाली था। उस से जंगल के दूसरे जानवर बहुत डरते थे। उस जंगल में हाथियों को सभी सुविधाएं उपलब्ध थीं। सारा जंगल फलों के पेड़ों से भरा पड़ा था। पास ही बांसों का घना जंगल फैला हुआ था। बस उस जंगल में पीने के पानी की कमी थी। हाथियों को पानी पीने के लिए जंगल के बाहर एक नदी पर जाना पड़ता था। (Jungle Stories | Stories)

कुछ दिन तो पानी के लिए जंगल के बाहर नदी पर जाने का सिलसिला...

कुछ दिन तो पानी के लिए जंगल के बाहर नदी पर जाने का सिलसिला ठीक से चलता रहा। लेकिन एक दिन गड़बड़ हो गई जब सब हाथी पानी पी रहे थे और बच्चे नदी के किनारे खेल रहे थे तो कई शेरों ने उन पर हमला कर दिया। हाथियों ने तुरंत शेरो पर सूंड में पत्थर लेकर बरसाए। शेर वहाँ से भाग गए। हाथियों का कोई बच्चा शेर का शिकार तो नहीं बना, लेकिन घायल अवश्य हो गए।

मुखिया ने कहा, “भाईयों, ऐसा लगता है यहाँ पर कुछ अधिक शेर आ गए हैं। गर्मियों का मौसम आने वाला है। गर्मियों के दिनों में तो हमें दो बार पानी पीने के लिए नदी पर आना पड़ता है। इसलिए शेरों से बचने के लिए हमें अपने जंगल के पास ही पानी का इंतजाम करना पड़ेगा।’’ (Jungle Stories | Stories)

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सब हाथी सोच में पड़ गए। भीमा हाथी ने कहा, ‘‘यदि हम सब मिल कर नदी से जंगल तक एक नहर खोद दें तो पानी की समस्या हल हो जाएगी’’ मुखिया हाथी ने कहा, ’’तरकीब तो बहुत अच्छी है। लेकिन नदी से जंगल तक का रास्ता बहुत मुश्किल है। फिर ऊँचे नीचे रास्ते से पानी भी नहीं पहुँच सकता। इसलिए कोई दूसरा तरीका सोचना पड़ेगा।’’ (Jungle Stories | Stories)

सब हाथी सोचते हुए वापस घरों को लौट गए। अगले दिन मुखिया ने कहा, ‘‘भाईयों बहुत सोचने के बाद एक तरकीब निकाली है। हमें जंगल के पास ही एक तालाब बनाना होगा।’’

सबने मिलकर जंगल के पास कुछ पेड़ों के झुरमुट के बीच एक तालाब बनाना शुरू कर दिया। कुछ ही दिनों में तालाब बनकर तैयार हो गया। तभी जमीन के भीतर से बहुत मीठा, ठंडा पानी निकला और तालाब भर गया। (Jungle Stories | Stories)

उस दिन सबने पानी पीया और फिर सब खूब देर तक नहाए। नहाने और बच्चों के उछलने कूदने से तालाब का पानी गंदा हो गया। तभी मुखिया ने कहा, “देखो, भाईयों नहाने से पानी के नीचे की मिट्टी मिलने से पानी गंदा हो गया है। इसलिए कल से पहले पानी पीकर ही सब नहाएंगे।

सब खुश होते हुए वापस जंगल में लौट गए। अगले दिन सब हाथी तालाब पर पहुँचे तो यह देखकर हैरान हो गए कि तालाब का सारा पानी गंदा हो रहा था। उन सब को बहुत देर तक मिट्टी बैठने, और पानी साफ होने का इंतजार करना पड़ा। (Jungle Stories | Stories)

अगले दिन भी ऐसा ही हुआ। सब को बहुत परेशानी हुई। बच्चे तो प्यास से बहुत परेशान हुए। मुखिया हाथी ने कहा, ’’ ऐसा लगता है हमारे यहाँ पहुँचने से पहले ही कोई तालाब का पानी गंदा कर जाता है। हम ऐसे बदमाशों को पकड़ने की कोशिश करेंगे।’’ 

अगले दिन तो उससे भी बुरा हाल था। तालाब का पानी तो गंदा ही था। साथ ही किसी ने तालाब में पेड़ों के पत्ते, कांटों वाली झाडियाँ और पत्थर फेंक रखे थे। उस दिन तालाब साफ करने में बहुत समय लगा। बच्चे तो प्यास से परेशान होकर रोने लगे। मुखिया हाथी ने कहा, ‘‘आज रात को कुछ हाथी यहाँ छिप कर बैठेंगे, और उन बदमाशों को पकड़ेंगे, जो तालाब का पानी गंदा करते हैं। (Jungle Stories | Stories)

रात को चार पाँच हाथी झाड़ियों के बीच छिप कर बैठ गए। सुबह होने में कुछ देर रह गई तो उन हाथियों को लंगूरों के आने की आवाज़ सुनाई दी। थोड़ी देर में बहुत से लंगूर आकर उस तालाब में घुस गए। पहले उन्होंने पानी पीया, फिर तालाब में खूब उछल उछल कर नहाए। नहाने के बाद लंगूरों ने आस पास से पत्थर और पत्तों को उठाकर तालाब में फेंकने शुरू कर दिए। तभी झाडियों के पीछे से निकल कर हाथियों ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया। (Jungle Stories | Stories)

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हाथियों ने तीन लंगूरों को सूंड से पकड़कर घूमा-घूमा कर दूर फेंका तो सब डर कर चीखने लगे। हाथियों ने सूंड से लंगूरों को पीटना शुरू कर दिया, लंगूर जोर जोर से रोने लगे। हाथियों के पाँवों में सिर झुका कर माफी मांगते हुए अपनी भूल स्वीकार करने लगे। हाथी लंगूरों को मुखिया हाथी के पास लाए और सारी कथा सुनाई।

लंगूरों ने मुखिया से माफी माँगी और कहा कि वे कभी तालाब के पानी को गंदा नहीं करेंगे। लंगूरों को शैतानी की ऐसी सज़ा मिली है कि आज तक भी वे नहीं भूल सके हैं। पिटाई से उनका मुँह काला हो गया। (Jungle Stories | Stories)

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