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चमत्कारी तावीज़
Motivational Story चमत्कारी तावीज़:- किसी गांव में राम नाम का एक नवयुवक रहता था। वह बहुत मेहनती था, पर हमेशा अपने मन में एक शंका लिए रहता कि वो अपने कार्यक्षेत्र में सफल होगा या नहीं। कभी-कभी वो इसी शंका के कारण आवेश में आ जाता और दूसरों पर क्रोधित भी हो उठता। (Motivational Stories | Stories)
एक दिन उसके गांव में एक प्रसिद्ध महात्मा जी का आगमन हुआ।
खबर मिलते ही राम, महात्मा जी से मिलने पहुंचा और बोला, ‘‘महात्मा जी मैं कड़ी मेहनत करता हूँ, सफलता पाने के लिए हर-एक प्रयत्न करता हूँ, पर फिर भी मुझे सफलता नहीं मिलती। कृपया आप ही कुछ उपाय बताएँ"। (Motivational Stories | Stories)
महात्मा जी ने मुस्कुराते हुए कहा- ‘‘बेटा, तुम्हारी समस्या का समाधान इस चमत्कारी तावीज़ में है, मैंने इसके अन्दर कुछ मन्त्र लिखकर डाले हैं जो तुम्हारी हर बाधा दूर कर देंगे। लेकिन इसे सिद्ध करने के लिए तुम्हे एक रात श्मशान में अकेले गुजारनी होगी।’’
श्मशान का नाम सुनते ही राम का चेहरा पीला पड़ गया, ‘‘ लल्ल..ल..लेकिन मैं रात भर अकेले कैसे रहूँगा’’, राम कांपते हुए बोला। (Motivational Stories | Stories)
‘‘घबराओ मत यह कोई मामूली तावीज़ नहीं है, यह हर संकट से तुम्हे बचाएगा।’’, महात्मा जी ने समझाया।
राम ने पूरी रात श्मशान में बिताई और सुबह होते ही महात्मा जी के पास जा पहुंचा...
राम ने पूरी रात श्मशान में बिताई और सुबह होते ही महात्मा जी के पास जा पहुंचा, ‘‘हे महात्मन! आप महान हैं, सचमुच ये तावीज़ दिव्य है, वर्ना मेरे जैसा डरपोक व्यक्ति रात बिताना तो दूर, श्मशान के करीब भी नहीं जा सकता था। निश्चय ही अब मैं सफलता प्राप्त कर सकता हूँ"। (Motivational Stories | Stories)
इस घटना के बाद राम बिलकुल बदल गया, अब वह जो भी करता उसे विश्वास होता कि तावीज़ की शक्ति के कारण वह उसमें सफल होगा, और धीरे-धीरे यही हुआ भी वह गाँव के सबसे सफल लोगों में गिना जाने लगा।
इस वाकये के करीब 1 साल बाद फिर वही महात्मा गाँव में पधारे। (Motivational Stories | Stories)
राम तुरंत उनके दर्शन को गया और उनके दिए चमत्कारी तावीज़ का गुणगान करने लगा।
तब महात्मा जी बोले,- बेटे! जरा अपना तावीज़ निकालकर देना। उन्होंने तावीज़ हाथ में लिया, और उसे खोला। (Motivational Stories | Stories)
उसे खोलते ही राम के होश उड़ गए जब उसने देखा कि तावीज़ के अंदर कोई मन्त्र-वंत्र नहीं लिखा हुआ था वह तो धातु का एक टुकड़ा मात्र ही था।
राम बोला, ‘‘ये क्या महात्मा जी, ये तो एक मामूली तावीज़ है, फिर इसने मुझे सफलता कैसे दिलाई?’’ (Motivational Stories | Stories)
महात्मा जी ने समझाते हुए कहा- "सही कहा तुमने, तुम्हें सफलता इस तावीज़ ने नहीं बल्कि तुम्हारे विश्वास की शक्ति ने दिलाई है। पुत्र, हम इंसानों को भगवान ने एक विशेष शक्ति देकर यहाँ भेजा है। वो है, विश्वास की शक्ति। तुम अपने कार्यक्षेत्र में इसलिए सफल नहीं हो पा रहे थे क्योंकि तुम्हें खुद पर यकीन नहीं था, खुद पर विश्वास नहीं था। लेकिन जब इस तावीज़ की वजह से तुम्हारे अन्दर वो विश्वास पैदा हो गया तो तुम सफल होते चले गए। इसलिए जाओ किसी तावीज़ पर यकीन करने की बजाय अपने कर्म पर, अपनी सोच पर और अपने लिए निर्णय पर विश्वास करना सीखो, इस बात को समझो कि जो हो रहा है वो अच्छे के लिए हो रहा है और निश्चय ही तुम सफलता के शीर्ष पर पहुँच जाओगे"। (Motivational Stories | Stories)
राम महात्मा जी की बात को गंभीरता से सुन रहा था और उसे आज एक बहुत बड़ी सीख मिली थी कि यदि उसे किसी भी क्षेत्र में सफल होना है तो उसे अपने प्रयत्नों पर विश्वास करना होगा। यदि वह खुद पर विश्वास कर लेता है तो उसकी सफलता का प्रतिशत हमेशा बढ़ता चला जायेगा।
मित्रों, सफलता का सीधा सम्बन्ध आपके अंदर के विश्वास से होता है। यदि आप खुद पर यकीन रखते हैं तो आपके हाथों में अलग-अलग पत्थरों की अंगूठियां पहनने की जरूरत नहीं, माला या तावीज़ के साथ की जरूरत नहीं है। बस मन में विश्वास का होना जरूरी है कि आप कर सकते हैं, सफल हो सकते हैं और आप सफल हो जायेंगे।
विश्वास रखिये, आगे बढ़िए और सफलता पाइए। (Motivational Stories | Stories)
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