बाल कहानी : नये साल की कसम
बाल कहानी : (Hindi Kids Story) नये साल की कसम : लोमड़ मामा डींग हाँकने में सबसे आगे था। कहीं कोई बात निकलती तो वह कहता। इसमें बड़ी बात क्या है? यह तो मेरे बाएं हाथ का खेल है। कभी कहता, मैंने दुश्मनों के दाँत खट्टे कर दिये।
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बाल कहानी : (Hindi Kids Story) नये साल की कसम : लोमड़ मामा डींग हाँकने में सबसे आगे था। कहीं कोई बात निकलती तो वह कहता। इसमें बड़ी बात क्या है? यह तो मेरे बाएं हाथ का खेल है। कभी कहता, मैंने दुश्मनों के दाँत खट्टे कर दिये।
Moral Story | शिक्षाप्रद कहानी : किस्मत का चक्कर : राहुल का दिमाग पढ़ाई में ठीक था लेकिन वह मेहनत से ज्यादा अपनी किस्मत पर भरोसा करता था। जब भी उसे कोई समझाने की कोशिश करता। तो वह कहता था, अरे अगर मेरी किस्मत में पास होने लिखा होगा तो मैं ऐसे ही पास हो जाऊँगा और अगर मेरी किस्मत में फेल होना लिखा है तो चाहें मैं कितनी भी मेहनत क्यों न करूँ, मुझे दुनिया की कोई ताकत पास नहीं कर सकती।
(Golf History in Hindi) इसका निश्चित इतिहास ज्ञात नहीं है। कुछ इतिहासकार बताते है। कि यह खेल लगभग 17वी शताब्दी में इंग्लैंड के कुछ हिस्सों में खेला जाता था। इसकी लोकप्रियता धीरे-धीरे बढ़ी। सन् 1920 में यह अमेरिका में लोकप्रिय हुआ। बाॅबी जोंस नामक एक अमेरिकन खिलाड़ी ने कई नए प्रकार के शाॅट्स का अविष्कार किया।
सर्दियों के मौसम में सर्दी-जुकाम होना आम है। सर्दी-जुकाम होने पर सिरदर्द, गले में परेशानी, नाक बहना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वैसे तो यह 5 से 7 दिन तक रहता है लेकिन अगर इससे ज्यादा दिन जुकाम रहे तो एक बार डाॅक्टरी सलाह जरूर लें। इसके अलावा जुकाम ज्यादा देर रहने के और भी कई कारण हो सकते है। आज हम आपको बताते हैं कि लंबे समय तक सर्दी-जुकाम होने के क्या कारण हो सकते है।
Moral Story बगुला और नीली मछली : एक नदी के किनारे एक बरगद का पेड़ था। उस पेड़ में एक बगुला रहता था। वह अक्सर नदी के किनारे मछली और केकड़े का शिकार करता था। एक दिन उसने देखा कि एक सुंदर सी नीली मछली पानी में तैर रही है। बगुले को वह सुंदर मछली बहुत भा गई। उसने मछली से कहा, "नीली मछली, नीली मछली, क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगी?"
शिक्षाप्रद बाल कहानी (Moral Stories) : मूर्खता की सजा- एक गांव में भगवान दास नाम का एक आलसी और अंधविश्वासी आदमी रहता था। वह अपने आप को भगवान का सबसे बड़ा भक्त मानता था और यही कहता फिरता कि किसी को कोई काम करने की जरूरत नहीं, सिर्फ भगवान का नाम लेने से सब कुछ मिल जाएगा। गांव वाले उसे कितना समझाते कि इस तरह निठल्ले बैठे रहना बुरी बात है, लेकिन भगवान दास किसी की नहीं सुनता था और दिनरात घर बैठा इंतजार करता कि ईश्वर कब आकर उसका भाग्य बदल देंगे।
Moral Story : अच्छा आदमी कौन? - एक था राजा। एक बार उसने अपने दरबारियों से समक्ष एक सवाल रखा, अच्छा आदमी कौन है? जो अच्छा काम करे।कोई दरबारी बोला। जैसे? मैंने एक मन्दिर बनवाया है, जहां सैकड़ों लेाग रोज जाकर पूजा करते हैं। जनहित के लिए मैंने यह एक अच्छा कार्य किया है। अतएव मैं अच्छा आदमी कहलाने का अधिकारी हूँ। और किसने अच्छे अच्छे कार्य किए हैं? राजा ने अन्य दरबारियों से पूछा।
Moral Story परिवर्तन : सेठ करमचंद शहर के धनी लोगों में से एक था। पाँच साल पहले जब वह इस शहर में आया था तो उसके पास फूटी कौड़ी भी नहीं थी। अपनी पत्नी सरलादेवी के गहने बेच कर उसने एक छोटी सी दुकान खोली थी। वह दिन रात मेहनत करता था। धीरे धीरे उसका धन्धा बढ़ने लगा। आज उसके पास चार बड़ी दुकानें हैं। दो फैक्ट्रियाँ और एक सुन्दर बंगला है।