बाल कहानी: प्रजा का सुख-दुख
प्रजा का सुख-दुख- हुजूर, आपकी शान बुलंद रहे। महाराज, आपकी बहादुरी के किस्से कभी भूले नहीं जा सकते। अन्न दाता, आप जैसा न्यायकारी राजा हमने कहीं नहीं देखा। महाराज, अपकी ख्याति चारों दिशाओं में फैली हुई है। जनता आपकी जय जयकार कर रही है। इस तरह कई खुशामद करने वाले प्राणी सुंदर वन के राजा शेर सिंह को घेरे रहते थे और रात दिन उसकी झूठी प्रशंसा करते रहते थे।