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Public Figure : राजीव गांधी (Rajiv Gandhi), भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री, ने भारतीय राजनीति में एक नई ऊर्जा का संचार किया। उनका कार्यकाल कई सुधारों और आधुनिक भारत की नींव रखने वाले कदमों से भरा हुआ था। राजीव गांधी, भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री, ने अपने छोटे से राजनीतिक जीवन में देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए। आधुनिकता की दिशा में उनके सुधार, विशेष रूप से कंप्यूटर और दूरसंचार के क्षेत्र में, आज भी भारतीय समाज में देखे जा सकते हैं। हालांकि, बोफोर्स घोटाले और उनकी असमय हत्या ने उनके जीवन को विवादों में घेर दिया, लेकिन उनकी विरासत और योगदान आज भी जीवित हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
- जन्म और परिवार: राजीव गांधी (Public Figure) का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ था। वह इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी के पुत्र थे।
- शिक्षा: राजीव गांधी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के दून स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने लंदन के इम्पीरियल कॉलेज और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा ग्रहण की।
- विवाह: 1968 में उन्होंने इटली की सोनिया मैनो से विवाह किया।
राजनीति में प्रवेश
- अनिच्छा से प्रवेश: राजीव गांधी (Public Figure) ने शुरू में राजनीति में आने से इनकार कर दिया था और पायलट के रूप में काम करना पसंद किया। लेकिन 1980 में अपने भाई संजय गांधी की मृत्यु के बाद, उन्हें राजनीति में आना पड़ा।
- संसदीय जीवन की शुरुआत: 1981 में राजीव गांधी ने उत्तर प्रदेश के अमेठी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीता और भारतीय संसद में प्रवेश किया।
प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल
- प्रधानमंत्री बनने की यात्रा: इंदिरा गांधी (Public Figure) की 1984 में हत्या के बाद, राजीव गांधी को भारत का प्रधानमंत्री बनाया गया। उन्होंने देश को एक नई दिशा देने की कोशिश की।
- आधुनिकता की दिशा में कदम: उनके कार्यकाल के दौरान कंप्यूटर और दूरसंचार के क्षेत्र में बड़े सुधार किए गए। उन्होंने पंचायती राज प्रणाली को मजबूत किया और शिक्षा में सुधारों की शुरुआत की।
- शांति प्रयास: श्रीलंका में शांति सेना भेजने का निर्णय और पंजाब में शांति स्थापित करने के प्रयास उनके कार्यकाल के प्रमुख हिस्से थे।
विवाद और चुनौतियां
- बोफोर्स घोटाला: उनके कार्यकाल को बोफोर्स घोटाले ने प्रभावित किया, जिसने उनकी छवि को धूमिल किया।
- चुनौतियों का सामना: राजीव गांधी को कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हर बार देशहित को सर्वोपरि रखा।
अंत और विरासत
- हत्या: 21 मई 1991 को एक आत्मघाती हमले में उनकी हत्या कर दी गई थी, जिससे देश में शोक की लहर दौड़ गई।
- विरासत: राजीव गांधी का योगदान आज भी भारतीय राजनीति और समाज में महत्वपूर्ण माना जाता है। उनके सुधार और विकास के प्रयासों ने आधुनिक भारत की नींव रखी।
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