जंगल कहानी - भय और लालच से बड़ा क्या?
"भय और लालच से बड़ा क्या?" कहानी में दो उल्लू, मोती और सोना, अपने पंजों में एक साँप काला और एक चूहा चिंटू को पकड़ते हैं। काला चिंटू को खाने की लालच में अपनी जान का खतरा भूल जाता है
"भय और लालच से बड़ा क्या?" कहानी में दो उल्लू, मोती और सोना, अपने पंजों में एक साँप काला और एक चूहा चिंटू को पकड़ते हैं। काला चिंटू को खाने की लालच में अपनी जान का खतरा भूल जाता है
"मिनी की समझदारी ने चोर को पकड़ा" कहानी में मिनी नाम की एक लड़की फेरीवाले की आवाज़ सुनकर बार-बार बाहर भागती है। उसे शक होता है कि फेरीवाले का चोरियों से कनेक्शन है, क्योंकि वह जिस गली में जाता है
"अपनी खुशियाँ पहचानो" कहानी में कालू नाम का एक कौआ अपनी ज़िंदगी से खुश रहता है, लेकिन हंस को देखकर उससे तुलना करता है। हंस तोते को सुंदर बताता है, और तोता मोर को। कालू मोर से मिलने चिड़ियाघर जाता है
"बुद्ध की सीख और कालिया का बदलाव" कहानी में एक डाकू कालिया 100 लोगों को मारकर उनकी अंगुलियों की माला बनाना चाहता है। भगवान बुद्ध उसके रास्ते से गुज़रते हैं। कालिया उन्हें मारना चाहता है,
"नदी के किनारे एक चालाक हिरण की कहानी " कहानी में चिंटू नाम का एक हिरण नदी के उस पार जामुन खाने की इच्छा रखता है, लेकिन उसे डर है कि मगरमच्छ उसे खा लेंगे। चिंटू अपनी चतुराई से मगरमच्छों को धोखा देता है।
"सच्ची सेवा का सबक" कहानी में भाई कन्हैया जी गुरु गोविंद सिंह जी की सेना में पानी पिलाने की सेवा करते हैं। वे युद्ध के मैदान में दुश्मन सैनिकों को भी पानी पिलाते हैं, जिससे कुछ सैनिक नाराज़ होकर गुरु जी से शिकायत करते हैं
"जंगल का सबक" कहानी में राहुल और सोहन नाम के दो दोस्त जंगल के रास्ते से गुज़रते हैं। रास्ते में उन्हें एक भालू मिलता है। राहुल डरकर पेड़ पर चढ़ जाता है, जबकि सोहन मरे होने का नाटक करके अपनी जान बचाता है।