गुरु की शक्ति: एक प्रेरणादायक शिक्षक दिवस की कहानी छोटे से गाँव में एक नन्हा लड़का, रवि, रहता था। वह बहुत चंचल था और पढ़ाई में मन नहीं लगाता था। स्कूल में वह हमेशा खेल-कूद में मग्न रहता और कभी भी होमवर्क पूरा नहीं करता। उसकी माँ बहुत चिंतित रहती थी कि रवि का भविष्य कैसा होगा। By Lotpot 04 Sep 2024 in Motivational Stories Moral Stories New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 गुरु की शक्ति: एक प्रेरणादायक शिक्षक दिवस की कहानी :- छोटे से गाँव में एक नन्हा लड़का, रवि, रहता था। वह बहुत चंचल था और पढ़ाई में मन नहीं लगाता था। स्कूल में वह हमेशा खेल-कूद में मग्न रहता और कभी भी होमवर्क पूरा नहीं करता। उसकी माँ बहुत चिंतित रहती थी कि रवि का भविष्य कैसा होगा। एक दिन, शिक्षक दिवस के मौके पर, स्कूल में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। सभी शिक्षक और विद्यार्थी वहां मौजूद थे। प्रधानाध्यापक ने सभी विद्यार्थियों को अपने-अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए कहा। सभी बच्चों ने अपने शिक्षकों को फूल और कार्ड्स दिए। लेकिन रवि चुपचाप बैठा रहा। उसके शिक्षक, मिस्टर शर्मा, उसे देखकर मुस्कुराए और उसे पास बुलाया। मिस्टर शर्मा ने रवि से पूछा, "क्या तुम जानते हो कि शिक्षक का हमारे जीवन में क्या महत्व है?" रवि ने सिर हिलाकर ना में जवाब दिया। मिस्टर शर्मा ने समझाया, "शिक्षक वो दीपक हैं जो हमारे जीवन को उज्ज्वल बनाते हैं। हम अज्ञान के अंधकार में होते हैं और शिक्षक हमें ज्ञान का प्रकाश दिखाते हैं। वे हमें जीवन की कठिनाइयों का सामना करने की ताकत देते हैं। क्या तुम्हें पता है, अगर मैं और बाकी शिक्षक तुम्हारी मदद न करें, तो तुम जीवन में सफल नहीं हो पाओगे।" रवि ने ध्यान से सुना और उसे समझ आया कि वह कितनी बड़ी गलती कर रहा था। उसने मिस्टर शर्मा से माफी मांगी और वादा किया कि अब से वह पढ़ाई में मन लगाएगा और शिक्षकों का सम्मान करेगा। कुछ महीनों के बाद, रवि पूरी तरह से बदल चुका था। वह कक्षा का सबसे मेहनती छात्र बन गया था। मिस्टर शर्मा ने उसे उसकी मेहनत का फल दिया और पूरी कक्षा के सामने उसकी सराहना की। रवि ने सीखा कि शिक्षक न केवल हमें ज्ञान देते हैं, बल्कि हमें एक अच्छा इंसान भी बनाते हैं। इस शिक्षक दिवस पर, उसने यह निश्चय किया कि वह अपने जीवन में हमेशा अपने शिक्षकों का आदर करेगा और उनकी शिक्षा का अनुसरण करेगा। सीख: शिक्षक हमारे जीवन का वह स्तंभ हैं जो हमें हर कदम पर सही मार्ग दिखाते हैं। उनका आदर और सम्मान करना हर विद्यार्थी का कर्तव्य है। और बाल कहानी भी पढ़ें : पिता और बेटी की दिल छू लेने वाली कहानी: एक इमोशनल सफरबाल कहानी : हाथों का मूल्यकंजूसी और फिजूलखर्ची का महत्व: सही राह का चुनावप्रेरणादायक कहानी- सूरज को वापस कौन लाएगा #Teacher's Day You May Also like Read the Next Article