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"आँख की बाती" एक प्रेरणादायक कहानी है जो हमें सिखाती है कि हमारी सोच और समझ हमारे व्यवहार को कैसे प्रभावित करती है। यह कहानी एक छोटी सी बाती और एक अंधे व्यक्ति के बीच के संवाद के माध्यम से यह संदेश देती है कि हर व्यक्ति का अपना महत्व होता है, भले ही दुनिया उसे कैसे देखती हो। कहानी हमें दिखाती है कि दूसरों की मदद करने की चाहत हमारे अपने जीवन को भी उजाले से भर देती है।
आँख की बाती: सच्चे उजाले की कहानी
एक छोटे से गाँव में, बाज़ार के कोने में बैठा एक अंधा व्यक्ति अपने हाथ में एक जलती हुई बाती लिए रहता था। हर सुबह सूर्योदय के साथ, वह अपनी बाती जलाता और शाम होते ही बुझा देता। गाँव के लोग उसे देखकर आश्चर्यचकित होते थे, क्योंकि वे सोचते थे कि अंधे व्यक्ति को बाती जलाने की जरूरत क्यों है।
एक दिन, एक छोटा लड़का, राजू, उस अंधे व्यक्ति के पास आया और पूछा, "चाचा, आप अंधे हैं, फिर आप इस बाती को क्यों जलाते हुए देखते हैं?" अंधा व्यक्ति ने मुस्कुराते हुए राजू को जवाब दिया, "बेटा, यह बाती मैं सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि दूसरों के लिए जलाता हूँ। इससे मुझे तो कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन जो लोग देख सकते हैं, उन्हें मेरा पता चलता है और वे मुझसे टकराए बिना आसानी से निकल जाते हैं।"
राजू ने यह सुनकर सोचा कि वास्तव में यह बाती कितना महत्वपूर्ण है। उसने देखा कि कैसे अंधा व्यक्ति अपनी कमजोरी के बावजूद दूसरों की मदद कर रहा है। राजू ने उस दिन से ठान लिया कि वह भी दूसरों की मदद करेगा, चाहे उसे खुद कितनी भी मुश्किलें क्यों न हों।
समय बीतता गया और राजू बड़ा हो गया। उसने अपने गाँव में एक छोटा सा व्यवसाय शुरू किया, जिसमें उसने अपने ग्राहकों की मदद करने का नियम बनाया। उसने अपने व्यवसाय में ईमानदारी और सच्चाई को प्राथमिकता दी, ठीक वैसे ही जैसे उस अंधे व्यक्ति ने किया था। राजू ने अपने कर्मचारियों को भी यही सिखाया कि "हमें हमेशा दूसरों के लिए प्रकाश बनना चाहिए, चाहे हमें खुद उसकी जरूरत न हो।"
राजू का व्यवसाय धीरे-धीरे फैलने लगा और लोगों ने उसकी ईमानदारी की सराहना की। उसका व्यवसाय न केवल लाभ में चल रहा था बल्कि उसके कर्मचारी भी खुश और प्रेरित थे। राजू ने अपने गाँव में भी कई समाजिक कार्य किए, जैसे कि बच्चों के लिए स्कूल की स्थापना, बुजुर्गों की देखभाल, और जरूरतमंदों की मदद।
एक दिन, राजू ने उस अंधे व्यक्ति से मुलाकात की और उसे धन्यवाद दिया। अंधा व्यक्ति ने मुस्कुराकर कहा, "देखो बेटा, सच्चाई और ईमानदारी का मार्ग कठिन जरूर है, लेकिन इसके फल हमेशा मीठे होते हैं। तुमने मेरी बातों को समझा और उन्हें अपने जीवन में उतारा। यही सच्चा उजाला है।"
राजू ने उस दिन से ठान लिया कि वह हमेशा सच्चाई और ईमानदारी के रास्ते पर चलता रहेगा, ताकि वह अपने जीवन में न केवल सफलता प्राप्त कर सके, बल्कि दूसरों के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत बन सके।
सीख: सच्चाई हमेशा जीतती है
यह कहानी हमें सिखाती है कि अपनी कमजोरियों के बावजूद हम दूसरों के लिए कुछ अच्छा कर सकते हैं। जब हम दूसरों की भलाई के बारे में सोचते हैं, तो हमारी अपनी जिंदगी भी उजाले से भर जाती है। सच्चाई और ईमानदारी का मार्ग चुनना कठिन हो सकता है, लेकिन इसके परिणाम हमेशा शुभ और संतोषजनक होते हैं। हमें हमेशा दूसरों के लिए प्रकाश बनकर रहना चाहिए, जैसा कि उस अंधे व्यक्ति ने किया, ताकि हम अपने आसपास की दुनिया को भी रोशन कर सकें।