मोती मुर्गी और लालची मालिक: एक प्रेरणादायक कहानी

"मोती मुर्गी और लालची मालिक" एक ऐसी motivational story in Hindi है, जो हमें लालच और संतुष्टि के बीच के अंतर को समझाती है। यह कहानी एक साधारण गाँव के मालिक और उसकी अनोखी मुर्गी की है

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"मोती मुर्गी और लालची मालिक" एक ऐसी motivational story in Hindi है, जो हमें लालच और संतुष्टि के बीच के अंतर को समझाती है। यह कहानी एक साधारण गाँव के मालिक और उसकी अनोखी मुर्गी की है, जो हर दिन एक सोने का अंडा देती थी। लेकिन मालिक का लालच उसे एक गहरी सीख देता है। यह motivational story for kids बच्चों को सिखाती है कि जो हमारे पास है, उसकी कद्र करनी चाहिए और लालच से बचना चाहिए। इस कहानी में गाँव का माहौल, मुर्गी की चतुराई, और एक गहरी सीख है, जो बच्चों और बड़ों दोनों को प्रेरित करेगी। आइए, इस inspirational Hindi story की सैर पर चलें और देखें कि कैसे एक छोटी सी मुर्गी ने अपने लालची मालिक को जीवन का सबसे बड़ा सबक सिखाया।

गाँव का मालिक और उसकी अनोखी मुर्गी

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक मालिक रहता था, जिसका नाम था रामलाल। रामलाल एक साधारण किसान था, जो अपने खेतों में मेहनत करके गुज़ारा करता था। उसके पास एक छोटा सा घर था, जिसमें वह अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहता था। रामलाल के पास कुछ मुर्गियाँ भी थीं, जिन्हें वह बहुत प्यार से पालता था। लेकिन उनमें से एक मुर्गी बहुत खास थी। उसका नाम था मोती। मोती की खासियत यह थी कि वह हर दिन एक चमकदार सोने का अंडा देती थी।
जब रामलाल को पहली बार मोती से सोने का अंडा मिला, तो वह खुशी से उछल पड़ा। उसने अपनी पत्नी को बुलाकर कहा, "देखो, हमारी मोती ने आज एक सोना दिया है! अब हमारी गरीबी दूर हो जाएगी।" उसने उस सोने के अंडे को बाज़ार में बेचा और बहुत सारे पैसे कमा लिए। उसने अपने बच्चों के लिए नए कपड़े खरीदे, घर की मरम्मत करवाई, और अच्छा खाना बनवाया। रामलाल की ज़िंदगी बदलने लगी। हर दिन मोती एक सोने का अंडा देती, और रामलाल उसे बेचकर अपनी ज़रूरतें पूरी करता।
रामलाल की पत्नी ने उसे समझाया, "रामलाल, हमें जो मिल रहा है, उसकी कद्र करनी चाहिए। मोती हमारी सच्ची दोस्त है। हमें उसका ध्यान रखना चाहिए।" रामलाल ने हँसते हुए कहा, "हाँ-हाँ, मैं मोती का बहुत ध्यान रखता हूँ। वह तो हमारी धन की देवी है।" लेकिन रामलाल का मन अब लालच से भरने लगा था।

लालच की शुरुआत

जैसे-जैसे दिन बीतते गए, रामलाल का लालच बढ़ता गया। उसे लगने लगा कि एक दिन में एक सोने का अंडा बहुत कम है। उसने सोचा, "अगर मोती हर दिन एक अंडा देती है, तो उसके पेट में और भी सोने के अंडे होंगे। अगर मैं उसके पेट को काट दूँ, तो सारे अंडे एक साथ मिल जाएँगे, और मैं रातोंरात अमीर बन जाऊँगा।" यह विचार उसके दिमाग में बार-बार आने लगा।
एक दिन, रामलाल ने अपनी पत्नी से कहा, "मैंने एक योजना बनाई है। अगर हम मोती के पेट को काट दें, तो हमें सारे सोने के अंडे एक साथ मिल जाएँगे। फिर हमें मेहनत करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।" उसकी पत्नी ने डरते हुए कहा, "रामलाल, यह गलत है। मोती हमारी दोस्त है। उसने हमें इतना कुछ दिया है। हमें उसकी जान नहीं लेनी चाहिए। जो हमें मिल रहा है, उसमें संतुष्ट रहना चाहिए।" लेकिन रामलाल ने उसकी बात नहीं मानी। उसका लालच उसकी समझदारी पर हावी हो गया।
रामलाल ने एक चाकू लिया और मोती को पकड़ लिया। मोती ने डरते हुए कहा, "मालिक, आप यह क्या कर रहे हैं? मैंने तो आपकी हर दिन मदद की है। मुझे छोड़ दीजिए।" लेकिन रामलाल ने उसकी बात नहीं सुनी। उसने कहा, "मोती, मुझे माफ करना। लेकिन मैं अब और इंतज़ार नहीं कर सकता। मुझे सारे सोने के अंडे अभी चाहिए।" उसने मोती के पेट को काट दिया। लेकिन उसे वहाँ कोई सोने का अंडा नहीं मिला। मोती दर्द से तड़पने लगी और कुछ ही देर में उसकी मृत्यु हो गई।

रामलाल का पछतावा

जब रामलाल ने देखा कि मोती के पेट में कोई सोने का अंडा नहीं है, तो वह हैरान रह गया। उसने अपने सिर पर हाथ मारते हुए कहा, "हाय! मैंने क्या कर दिया? मैंने अपनी सबसे कीमती दोस्त को मार डाला। अब मैं क्या करूँगा?" उसकी पत्नी ने रोते हुए कहा, "मैंने तुम्हें मना किया था, रामलाल। लेकिन तुमने लालच में आकर हमारी मोती को मार डाला। अब हम फिर से गरीब हो जाएँगे।"
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रामलाल को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने मोती को अपने हाथों में उठाया और रोते हुए कहा, "मोती, मुझे माफ कर दो। मैंने लालच में आकर बहुत बड़ी गलती कर दी। मैंने तुम्हारी कद्र नहीं की।" लेकिन अब बहुत देर हो चुकी थी। मोती की मृत्यु हो चुकी थी, और रामलाल के पास अब सोने का अंडा देने वाली कोई मुर्गी नहीं थी।
रामलाल की हालत फिर से पहले जैसी हो गई। उसे फिर से खेतों में मेहनत करनी पड़ी। लेकिन अब वह हर दिन मोती को याद करता और अपनी गलती पर पछताता। उसने अपने बच्चों को बुलाकर कहा, "बच्चों, मैंने लालच में आकर बहुत बड़ी गलती की। मैंने अपनी सबसे कीमती दोस्त, मोती, को खो दिया। तुम हमेशा याद रखना कि जो हमारे पास है, उसकी कद्र करनी चाहिए। लालच हमें बर्बाद कर देता है।"

मोती की आत्मा और रामलाल की सीख

एक रात, जब रामलाल सो रहा था, उसे सपने में मोती की आत्मा दिखाई दी। मोती ने कहा, "मालिक, मैंने तुम्हें बहुत प्यार दिया, लेकिन तुमने मेरे साथ गलत किया। लेकिन मैं तुम्हें माफ करती हूँ। मैं चाहती हूँ कि तुम अपनी गलती से सीखो और अपने बच्चों को सही रास्ता दिखाओ।" रामलाल की आँखों से आँसू बहने लगे। उसने कहा, "मोती, मैंने बहुत बड़ी गलती की। मैं वादा करता हूँ कि अब मैं कभी लालच नहीं करूँगा। मैं जो कुछ भी मेहनत से कमाऊँगा, उसी में संतुष्ट रहूँगा।"
सपने से जागने के बाद, रामलाल ने अपनी ज़िंदगी बदल दी। उसने अपने खेतों में और मेहनत शुरू की। उसने अपने बच्चों को सिखाया कि मेहनत और संतुष्टि ही सच्ची खुशी का रास्ता है। उसने गाँव के बच्चों को भी अपनी कहानी सुनाई और उन्हें समझाया कि लालच से हमेशा नुकसान होता है। रामलाल की यह motivational story गाँव में मशहूर हो गई, और लोग उसे "संतुष्ट रामलाल" कहने लगे।

कहानी की गहरी सीख

यह motivational story in Hindi हमें कई गहरे और प्रेरणादायक सबक सिखाती है:
  1. लालच से बचें: रामलाल का लालच उसे बर्बाद कर गया। यह हमें सिखाता है कि हमें लालच नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह हमें गलत रास्ते पर ले जाता है।
  2. संतुष्टि की ताकत: जो हमारे पास है, उसमें संतुष्ट रहना सच्ची खुशी का रास्ता है। रामलाल ने यह सीखा कि लालच करने की बजाय हमें जो मिला है, उसकी कद्र करनी चाहिए।
  3. मेहनत का महत्व: रामलाल ने अपनी गलती से सीखा कि मेहनत से कमाया हुआ धन ही सच्ची खुशी देता है। यह हमें सिखाता है कि हमें मेहनत से डरना नहीं चाहिए।
  4. दूसरों की कद्र करें: मोती ने रामलाल की बहुत मदद की, लेकिन उसने उसकी कद्र नहीं की। यह हमें सिखाता है कि हमें अपने दोस्तों और मददगारों का सम्मान करना चाहिए।
  5. गलती से सीखें: रामलाल ने अपनी गलती से सीखा और अपनी ज़िंदगी बदल दी। यह हमें सिखाता है कि हमें अपनी गलतियों से सीखना चाहिए और उन्हें सुधारना चाहिए। 

निष्कर्ष

"मोती मुर्गी और लालची मालिक" एक ऐसी motivational story है, जो बच्चों को सिखाती है कि लालच हमें बर्बाद कर सकता है, जबकि संतुष्टि और मेहनत हमें सच्ची खुशी देती है। रामलाल का लालच उसे उसकी सबसे कीमती दोस्त, मोती, से दूर कर गया, लेकिन उसने अपनी गलती से सीखा और अपनी ज़िंदगी बदल दी। यह inspirational story for children हमें यह सिखाती है कि हमें जो मिला है, उसकी कद्र करनी चाहिए और लालच से बचना चाहिए। बच्चों, हमेशा याद रखो कि सच्ची खुशी पैसे या चीज़ों में नहीं, बल्कि प्यार, मेहनत, और संतुष्टि में है।
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