Navdeep Singh : कद छोटा, काम बड़ा

Navdeep Singh : कद छोटा, काम बड़ा- उसका संघर्ष हमें यह सिखाता है कि मुश्किलें चाहे जितनी भी बड़ी हों, अगर हमें अपनी क्षमताओं पर भरोसा हो और आगे बढ़ने का जज्बा हो, तो हम अपने सपनों को हकीकत में बदल सकते हैं।

By Lotpot
New Update
Navdeep Singh Height is small, work is big
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

Navdeep Singh : कद छोटा, काम बड़ा- उसका संघर्ष हमें यह सिखाता है कि मुश्किलें चाहे जितनी भी बड़ी हों, अगर हमें अपनी क्षमताओं पर भरोसा हो और आगे बढ़ने का जज्बा हो, तो हम अपने सपनों को हकीकत में बदल सकते हैं। हम बात कर रहे हैं पैरालंपिक में भाला फेंक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने वाले  नवदीप सिंह की, जिसका  संघर्ष और जीत भारतीय खेल जगत के लिए प्रेरणा है, और आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक भी। चार फुट चार इंच के कद के मालिक नवदीप का जन्म एक साधारण जाट तोमर मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ।  वे बौनेपन (F41) के साथ पैदा हुए थे , लेकिन उन्होंने कभी अपनी शारीरिक कमी को खुद पर हावी नहीं होने दिया।

बचपन से ही नवदीप का एथलेटिक्स के प्रति  दिल से गहरा लगाव था, और इस जुनून ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाया। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एशियाई युवा पैरा खेलों में 2017 में स्वर्ण पदक जीतकर की।

इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पाँच स्वर्ण पदक जीते और 2021 में वर्ल्ड पैरा ग्रैंड प्रिक्स में स्वर्ण और 2024 में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल किया।

नवदीप सिंह न केवल खेलों में चमक बिखेर रहे हैं, बल्कि वह एक पेशेवर करियर भी चला रहे हैं। वह वर्तमान में आयकर विभाग में निरीक्षक के रूप में काम कर रहे हैं और बेंगलुरु में तैनात हैं। उनके लिए काम और खेल के बीच संतुलन बनाए रखना आसान नहीं रहा होगा, लेकिन उन्होंने दोनों क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।

नवदीप की सफलता उन लोगों के लिए एक मिसाल है जो यह मानते हैं कि विकलांगता या अन्य चुनौतियाँ जीवन की प्रगति में बाधा बन सकती हैं। और यह बात हमारे देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी ने भी तब मानी जब नवदीप स्वर्ण पदक  हासिल करने के पश्चात उनसे मिलने गए।

नवदीप का जीवन बताता है कि अगर मन में दृढ़ संकल्प और सही दिशा हो, तो कोई भी व्यक्ति किसी भी बाधा को पार कर सकता है। फिर चाहे वह वाधा विकलांगता की ही क्यों ना हो ।

यहाँ पढ़ें और Positive News 

स्पेस में छुट्टियाँ: अब सपना नहीं, हकीकत बनने के करीब!
ड्रोन से आइसक्रीम की डिलीवरी: बच्चों के लिए मजेदार तकनीक!
Positive News : मोटू-पतलू हमारा फेवरेट है -अधर्व, शुभ, ख़ुशी और देवी
रील्स का बढ़ता क्रेज: बच्चों और युवाओं पर खतरनाक असर