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भारत का दूसरा निजी तौर पर निर्मित रॉकेट अग्निबाण सॉर्टेड हुआ लॉन्च
भारत का दूसरा निजी तौर पर निर्मित रॉकेट अग्निबाण सॉर्टेड हुआ लॉन्च:- अग्निबाण SOrTeD (Suborbital Technological Demonstrator) एक निजी लॉन्च पैड से लॉन्च होने वाला पहला रॉकेट है, यह देश की पहली सेमी-क्रायोजेनिक (semi-cryogenic) इंजन उड़ान है और दुनिया का पहला सिंगल पीस 3D प्रिंटेड इंजन है जिसे स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है। (Positive News)
चार असफल प्रयासों के बाद, अंतरिक्ष तकनीक स्टार्ट-अप अग्निकुल कॉसमॉस (Agnikul Cosmos) ने गुरुवार को श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) के भीतर अपने स्वयं के लॉन्चपैड से अपना पहला रॉकेट अग्निबाण SOrTeD (सबऑर्बिटल टेक्नोलॉजिकल डेमोंस्ट्रेटर) सफलतापूर्वक लॉन्च किया।
अग्निबाण सॉर्टेड का निर्माण:
अग्निबाण SOrTeD चेन्नई स्थित स्टार्ट-अप द्वारा देश का दूसरा निजी तौर पर निर्मित रॉकेट है जिसे प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास (IIT-M) द्वारा इनक्यूबेट किया गया है।
3D-प्रिंटेड निर्माण प्रक्रिया से लॉन्च लागत कम होने और वाहन को इकट्ठा करने में लगने वाले समय में कटौती होने की उम्मीद है, स्टार्ट-अप 2025 कैलेंडर वर्ष से नियमित उड़ानें शुरू करने की योजना बना रहा है। गुरुवार का प्रक्षेपण कई निजी खिलाड़ियों को अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। (Positive News)
प्रमुख प्रक्षेपण यान, "अग्निबाण" को "धनुष" नामक मोबाइल लॉन्चपैड के साथ संगत करने के लिए...
प्रमुख प्रक्षेपण यान, "अग्निबाण" को "धनुष" नामक मोबाइल लॉन्चपैड के साथ संगत (compatible) करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे स्थान की परवाह किए बिना लॉन्च संभव है। अग्निबाण को 30 किलोग्राम से लेकर 300 किलोग्राम तक के पेलोड को समायोजित करने के लिए कॉन्फ़िगर किया जा सकता है। 18 मीटर लंबा रॉकेट छोटे उपग्रहों के लिए डिज़ाइन किया गया है और 700 किलोमीटर की निचली पृथ्वी की कक्षा (low earth orbit) में 300 किलोग्राम तक के पेलोड को लॉन्च कर सकता है। (Positive News)
इसरो ने अग्निकुल कॉसमॉस को उनके लॉन्च पैड से अग्निबाण सॉर्टेड-01 (Agnibaan SoRTed-01) मिशन के सफल प्रक्षेपण के लिए बधाई दी। "एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (additive manufacturing) के माध्यम से प्राप्त अर्ध-क्रायोजेनिक लिक्विड इंजन (semi-cryogenic liquid engine) की पहली नियंत्रित उड़ान के रूप में एक प्रमुख मील का पत्थर है”।
इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस सोमनाथ ने कहा कि “यह प्रक्षेपण इसरो को अंतरिक्ष स्टार्टअप (space startups) और गैर-सरकारी संस्थाओं (non-governmental entities) को नवाचार और आत्मनिर्भरता के लिए समर्थन देने के लिए प्रेरित करता है, ताकि देश में एक जीवंत अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र(vibrant space ecosystem) बनाया जा सके"। (Positive News)
भारतीय अंतरिक्ष संघ (The Indian Space Association) (आईएसपीए) ने कहा कि “अग्निकुल ने आज जो हासिल किया है, वह ऐतिहासिक मील के पत्थर से कम नहीं है, क्योंकि भारत ने 1963 में थुंबा प्रक्षेपण केंद्र (Thumba launch station) से अपना पहला रॉकेट लॉन्च किया था"।
चेन्नई स्थित इस स्टार्ट-अप की स्थापना 2017 में श्रीनाथ रविचंद्रन, मोइन एसपीएम और सत्य चक्रवर्ती ने की थी और यह IN-SPACe पहल के तहत इसरो के साथ समझौता करने वाली भारत की पहली कंपनी बन गई है। (Positive News)
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