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Technical Revolution in Modi era: India becomes a superpower of defense, space and digital
पिछले एक दशक में भारत ने रक्षा, अंतरिक्ष और तकनीक के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' जैसी पहलों ने देश को वैश्विक मंच पर एक स्वदेशी तकनीकी महाशक्ति के रूप में स्थापित किया है। आइए जानते हैं कि कैसे भारत इन क्षेत्रों में दुनिया के अग्रणी देशों की पंक्ति में शामिल हुआ है।
1. रक्षा क्षेत्र में भारत की अद्भुत उपलब्धियाँ
भारत ने हाल के वर्षों में स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी में कई बड़े कदम उठाए हैं, जिससे देश अब अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है।
🔹 लेजर-आधारित ड्रोन रोधी हथियार
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भारत ने हाल ही में लेजर गाइडेड एनर्जी वेपन सिस्टम (DEW) का सफल परीक्षण किया, जो दुश्मन के ड्रोन को नष्ट करने में सक्षम है।
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इस तकनीक के साथ भारत अब अमेरिका, रूस और चीन के बाद दुनिया का चौथा देश बन गया है।
🔹 हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक
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2025 तक भारत हाइपरसोनिक मिसाइलों के लिए एक्टिव कूल्ड स्क्रैमजेट इंजन का परीक्षण करेगा।
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DRDO ने पहले ही ध्वनि से 5 गुना तेज हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण कर लिया है।
🔹 एमआईआरवी तकनीक (MIRV) – एक मिसाइल, कई लक्ष्य
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2024 में भारत ने अग्नि-5 मिसाइल के साथ मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) तकनीक का सफल परीक्षण किया।
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यह तकनीक भारत को एक ही मिसाइल से कई परमाणु हथियार लॉन्च करने की क्षमता देती है।
🔹 स्वदेशी ड्रोन और एंटी-सैटेलाइट मिसाइल
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भारत ने मिशन शक्ति (2019) के तहत एंटी-सैटेलाइट (ASAT) मिसाइल से अंतरिक्ष में सैटेलाइट को मार गिराया।
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2023 में स्वदेशी मानवरहित ड्रोन (UAV) का भी सफल परीक्षण किया गया।
2. अंतरिक्ष में भारत की छलांग: इसरो की ऐतिहासिक उपलब्धियाँ
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने पिछले कुछ वर्षों में कई विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं।
🌕 चंद्रयान-3: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ऐतिहासिक लैंडिंग
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2023 में भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट-लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बना।
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इससे पहले केवल अमेरिका, रूस और चीन ही चंद्रमा पर पहुँच पाए थे।
🛰️ स्पैडेक्स मिशन: सैटेलाइट डॉकिंग तकनीक
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भारत ने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (SPADEX) के तहत सैटेलाइट डॉकिंग और अनडॉकिंग तकनीक का सफल प्रदर्शन किया।
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अब भारत उन चार देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास यह क्षमता है।
🚀 एक साथ 104 सैटेलाइट लॉन्च करने का विश्व रिकॉर्ड
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2017 में ISRO ने PSLV-C37 रॉकेट से 104 सैटेलाइट्स एक साथ लॉन्च कर विश्व रिकॉर्ड बनाया।
❄️ क्रायोजेनिक इंजन तकनीक
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2022 में भारत ने क्रायोजेनिक इंजन बनाने वाला दुनिया का छठा देश बनने का गौरव हासिल किया।
3. नई तकनीकों में भारत का वैश्विक दबदबा
💻 सेमीकंडक्टर और चिप मैन्युफैक्चरिंग
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'सेमीकॉन इंडिया' पहल के तहत भारत अब ग्लोबल सेमीकंडक्टर हब बनने की ओर अग्रसर है।
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टाटा, फॉक्सकॉन और इंटेल जैसी कंपनियाँ भारत में चिप निर्माण के लिए निवेश कर रही हैं।
🔮 क्वांटम कंप्यूटिंग में भारत की महत्वाकांक्षा
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2020 में भारत ने 6,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NMQTA) शुरू किया।
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इससे भारत क्वांटम टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अग्रणी देशों की सूची में शामिल होगा।
निष्कर्ष: भारत बना वैश्विक तकनीकी महाशक्ति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने रक्षा, अंतरिक्ष और उच्च-तकनीक के क्षेत्र में अद्वितीय प्रगति की है। 'आत्मनिर्भर भारत' के संकल्प ने देश को वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर किया है। आने वाले वर्षों में भारत विश्वगुरु के रूप में और भी बड़ी उपलब्धियाँ हासिल करेगा।
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