कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान को मिली बड़ी उपलब्धि! यूनेस्को की अस्थायी सूची में शामिल

छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को विश्व धरोहर की अस्थायी सूची में शामिल कर लिया गया है। यह छत्तीसगढ़ का पहला ऐसा स्थान है जिसे यह गौरव प्राप्त हुआ है।

By Lotpot
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Kanger Valley National Park got a big achievement! UNESCO temporary list included

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छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को विश्व धरोहर की अस्थायी सूची में शामिल कर लिया गया है। यह छत्तीसगढ़ का पहला ऐसा स्थान है जिसे यह गौरव प्राप्त हुआ है। यह खबर न केवल पर्यावरण प्रेमियों के लिए, बल्कि राज्य के पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है।

🔍 कैसे मिला कांगेर घाटी को यह सम्मान?

दिसंबर 2023 में छत्तीसगढ़ सरकार और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने मिलकर इस जंगल को वैश्विक पहचान दिलाने की योजना बनाई थी। विशेषज्ञों ने इस जंगल की जैव विविधता, ऐतिहासिक महत्व और अनोखी पारिस्थितिकी तंत्र का गहन अध्ययन किया। इसके बाद यूनेस्को को प्रस्ताव भेजा गया, जिसे अब मंजूरी मिल गई है।

🦋 कांगेर घाटी की खासियतें, जो इसे अनोखा बनाती हैं

✅ 15 से अधिक चूना पत्थर की गुफाएं – इनमें कोटमसर, कैलाश और दंडक गुफाएं प्रमुख हैं। ये गुफाएं प्राकृतिक अजूबों के साथ-साथ ऐतिहासिक और पुरातात्विक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं।

✅ 200+ पक्षी प्रजातियां और 140+ तितलियों की प्रजातियां – यह जंगल रंग-बिरंगी तितलियों और पक्षियों का स्वर्ग है, जो इसे बेहद खास बनाते हैं।

✅ 900+ प्रकार के पेड़-पौधे – यह जंगल जैव विविधता से भरपूर है और यहां कई दुर्लभ वनस्पतियां पाई जाती हैं।

✅ दुर्लभ जीवों का घर – कांगेर घाटी में ऊदबिलाव, माउस डियर, विशाल गिलहरी, लेथिस सॉफ्टशेल कछुआ और जंगली भेड़िया जैसे दुर्लभ जीव रहते हैं।

🌍 छत्तीसगढ़ को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय पर्यटन का बढ़ावा

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा,
🗣️ "यह छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है! इससे पर्यटन और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे और हम अपने प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास करेंगे।"

यह मान्यता पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय जनजातियों के लिए भी फायदेमंद होगी। ध्रुवा और गोंड जनजातियों के लिए यह जंगल केवल एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि उनकी संस्कृति और जीवन का अभिन्न हिस्सा है।

🏞️ बस्तर का कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान – इको-टूरिज्म का नया केंद्र!

हाल ही में, बस्तर के धुड़मारस गांव को UNWTO के “बेस्ट टूरिस्ट विलेज” कार्यक्रम में शामिल किया गया था। अब कांगेर घाटी को मिली इस पहचान ने छत्तीसगढ़ को इको-टूरिज्म और सांस्कृतिक संरक्षण के क्षेत्र में एक नई ऊँचाई पर पहुंचा दिया है।

अब जब दुनिया भर से पर्यटक कांगेर घाटी को देखने आएंगे, तो इससे स्थानीय गांवों और जनजातियों को भी पहचान मिलेगी और नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे।

🔚 निष्कर्ष

✅ कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को की अस्थायी सूची में शामिल किया गया, जिससे इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली।
✅ यह दुर्लभ जीवों, जैव विविधता, पुरातात्विक और सांस्कृतिक धरोहरों का अनोखा संगम है।
✅ इस मान्यता से पर्यटन, स्थानीय जनजातियों की आर्थिक स्थिति और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।

🌿 कांगेर घाटी की इस शानदार उपलब्धि पर आप क्या सोचते हैं? हमें कमेंट में बताएं! 😊

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