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हाल ही में, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) के माध्यम से वैज्ञानिकों ने प्लूटो के सबसे बड़े चंद्रमा, चारोन पर कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) की उपस्थिति का पता लगाया। यह खोज पहली बार है जब चारोन पर इस गैस की उपस्थिति प्रमाणित हुई है। इस महत्वपूर्ण अध्ययन से सौर मंडल के बाहरी हिस्सों में स्थित बर्फीले ग्रहों की बेहतर समझ मिल सकती है।
चारोन का यह सतह अध्ययन वेब टेलीस्कोप के नियर-इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोग्राफ के जरिए किया गया, जिसमें पानी की बर्फ और अमोनिया जैसी अन्य रासायनिक सामग्रियों के अलावा हाइड्रोजन पेरोक्साइड भी पाई गई। हाइड्रोजन पेरोक्साइड की उपस्थिति दर्शाती है कि वहां का वातावरण सूर्य की अल्ट्रा-वायलेट किरणों और सौर पवन (solar wind) के प्रभाव में है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि इस प्रकार की खोजें हमें हमारे सौर मंडल की उत्पत्ति और विकास को समझने में मदद कर सकती हैं। इसके अलावा, Kuiper Belt के अन्य बर्फीले ग्रहों पर भी इसी तरह की खोजें भविष्य में की जा सकती हैं।
यह खोज 1 अक्टूबर 2024 को सामने आई थी और इसे कई संस्थानों के वैज्ञानिकों की टीम द्वारा अंजाम दिया गया था