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WEF 2025 - दुनिया के 25 देशों ने प्लास्टिक प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ एकजुट होकर इतिहास रच दिया है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) 2025 की वार्षिक बैठक में, ग्लोबल प्लास्टिक एक्शन पार्टनरशिप (GPAP) से सात नए देश जुड़े। अब इस पहल में अंगोला, बांग्लादेश, गैबोन, ग्वाटेमाला, केन्या, सेनेगल और तंजानिया समेत 25 देश प्लास्टिक कचरे को नियंत्रित करने और टिकाऊ भविष्य की दिशा में काम करेंगे।
GPAP की निदेशक क्लेमेंस श्मिड ने कहा, “25 देशों का इस पहल में शामिल होना यह दर्शाता है कि दुनिया प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए गंभीर है। हमारा उद्देश्य प्लास्टिक उत्पादन, उपयोग और पुन:चक्रण के तरीकों को सुधारना है ताकि पर्यावरण सुरक्षित और हरित हो सके।”
GPAP अब तक 3.1 बिलियन डॉलर का निवेश जुटा चुका है और कचरा प्रबंधन में लगे अनौपचारिक कामगारों के लिए सुरक्षित नौकरियां बनाई हैं। यह पहल न केवल प्लास्टिक कचरे को कम करने पर काम कर रही है, बल्कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को भी घटा रही है, जो हर साल 1.8 बिलियन टन तक पहुंचता है।
हर साल महासागरों में 6 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा पहुंचता है, जो पारिस्थितिकी तंत्र और मानव जीवन के लिए गंभीर खतरा बनता जा रहा है। GPAP का उद्देश्य प्लास्टिक प्रबंधन के लिए सर्कुलर सिस्टम को अपनाना है, जो लैंडफिल से निकलने वाली मीथेन जैसी खतरनाक गैसों को कम करेगा। मीथेन अल्पावधि में कार्बन डाइऑक्साइड से 80 गुना अधिक हानिकारक होती है।
इस ऐतिहासिक पहल का एक और उद्देश्य ग्रीन जॉब्स को बढ़ावा देना है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 2030 तक इस प्रयास से 6 मिलियन नई नौकरियां पैदा होने की संभावना है। यह पहल वैश्विक अर्थव्यवस्था को हरित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
यह एकजुटता दिखाती है कि जब दुनिया पर्यावरण और जलवायु संकट के खिलाफ कदम उठाने के लिए साथ आती है, तो बदलाव संभव है।
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