बाल कविता: आँखें By Lotpot 14 Oct 2023 in Poem New Update आँखें पूसी की भूरी-भूरी,हिरनी की है चमकीली आँखें। बात बात में दादी जी की,हो जाती हैं गीली आँखें। पापा जब गुस्से में होते,लाल लाल हो जाती आँखें। गलत काम हो जाए अगर तो,जाने क्यों शरमातीं आँखें। खूब खुशी में या गम में,मोती सा जल बरसाती आँखें। काम नहीं करना ऐसा,जिससे तेरी झुक जाए आँखें। और कवितायें पढ़ें:- बाल कविता: तारे बाल कविता: हाथी भैया बाल कविता: मेरी रेल बाल कविता : चुहिया रानी #लोटपोट # kids poem #बच्चों की कविता #बच्चों की मनोरंजक कविता #बाल कविता #bal kavita #bachchon ki kavita #manoranjak bal kavita #aankhen You May Also like Read the Next Article