बाल कविता: मेरी रेल By Lotpot 14 Oct 2023 in Poem New Update मेरी रेल छूटी मेरी रेलरे बाबू छूटी मेरी रेल। हट जाओ हट जाओ भैयामैं न जानूं फिर कुछ भैयाटकरा जाये रेल। इंजन इसका भारी भरकमबढ़ता जाता गमगम गमगम।धमधम धमधम धमधम धमधमकरता ठेलम ठेल। सुनो गार्ड ने दे दी सीटीटिकट देखता फिरता टीटी। सटी हुई वीटी से वीटीकरती पेलम पेलछूटी मेरी रेल। ऐसी और कवितायें पढ़ें:- बाल कविता : चुहिया रानी बाल कविता: हाथी भैया बाल कविता: गर्मी आई बाल कविता: माँ की ममता # kids poem #बच्चों की कविता #बच्चों की मनोरंजक कविता #बाल कविता #bal kavita #bachchon ki kavita #poem on train #manoranjak bal kavita You May Also like Read the Next Article