Bal Kavita: आई ईद

By Lotpot
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Kids celebrating Eid

आई ईद

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आई ईद

आई ईद, आई ईद,
खुशियाँ भरकर लाई ईद।

सलमा-नगमा, हनीफ-इदरीश,
सबने रखे रोज़े तीस।

मम्मी-पापा उठते रोज़,
बच्चे करते नहीं हैं शोर।

आसपास में भनक लगे न,
ऐसी सेहरी लेते भोर।

काम में चुस्ती हाथ में फुर्ती,
रोज़े रखते न होते बोर।

मम्मी-पापा, चाचा-मामा,
सबने दिए हैं कपड़े जोड़।

सबने देखा ईद का चाँद,
बच्चे हुए खुशी से लाल।

रंग-बिरंगे कपड़े पहने,
सभी चलें हैं ईदगाह की ओर।

ईदी मिली है सबको भाई,
कोई खाए आइसक्रीम कोई खाए रसमलाई।

करीम बोला दादी माई,
मुझको ईदी नहीं भाई।

मैंने है एक युक्ति बनाई,
बेचूं मैं गुब्बारे भाई।

बीस रूपये में छः ले जाओ,
पैसे मिले तो चिमटा लाऊं, उंगली जलने से पोर बचाऊं।

आई ईद, आई ईद,
खुशियां भरकर लाई ईद।

ईदगाह में हुई नमाज,
पीटर, जोसफ और रमाकांत।

आरिफ से हैं गले मिले,
और दी है मुबारकबाद।

मुलायमऔर रसभरी सेवईयां,
बटती हैआपस में भईया।

रस-रस लेकर खाते वे,
ईद का आनन्द उठाते वे।

आई ईद, आई ईद,
खुशियां भरकर लाई ईद।

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