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जब चूहा बना हज्जाम
चूहा जब बना हज्जाम
चूहे जी ने चौराहे पर,
खोली एक दुकान।
लेकर उस्तरा, कैंची, कंघा,
बन गये वो हज्जाम।
भालू, चीता, बंदर, घोड़ा,
अपने बाल कटाने आये।
उनके सिर पर बैठ चूहे ने,
झटपट उनके बाल बनाये।
एक दिन बिल्ली ने सोचा,
क्यों न मै भी कटाऊं बाल।
पहुँच गई वो अकड़ दिखाती,
डाल गले में लाल रूमाल।
उसे देख चूहा घबराया,
भागा अपनी छोड़ दुकान।
क्योंकि बिल्ली तो ले लेती,
उसकी नन्हीं प्यारी जान।
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