बाल कविता :- माँ की ममता : यह कविता माँ के अद्वितीय प्रेम, त्याग और उसकी ममता को समर्पित है। माँ की दुआओं और आशीर्वाद के बिना जीवन अधूरा है। माँ हर मुश्किल समय में बच्चों के साथ खड़ी रहती है, उन्हें अपने आंचल की छाँव में शांति और सुरक्षा देती है। उसके बिना जीवन का हर रंग फीका लगता है। माँ के आँचल में बच्चों के सभी दुख-दर्द मिट जाते हैं, और उसकी ममता के साए में जीवन खुशहाल और संपन्न बनता है।
कविता:
कितनी अच्छी, कितनी प्यारी
अपनी माँ होती है,
उसके आशीर्वाद और दुआ से
सदा प्रगति होती है।
बच्चों के पालन-पोषण का
काम कठिन होता है कितना,
उनके सुख-हित में बेचारी
त्याग करे हर दिन नित नित नया।
दुख-संकट के समय सभी को
वही याद आती है,
उसकी गोदी की शीतल छाँव में
हर पीड़ा मिट जाती है।
होते हैं वे किस्मत वाले
सेवा माँ की करते,
उसकी ममता के आंचल में
सदा सुखी वे रहते।
माँ का आँचल शीतल छाया
बचपन का सच्चा साथ,
उसके बिन अधूरी रहती
जिंदगी की हर बात।
वो हर रात जागे चुपचाप
बच्चों की खातिर सोचे,
हर लम्हा बस उन पर न्यौछावर
हर दिन रात यही वो सोचे।
उसके बिना जग सूना-सूना,
बिना रंग के जैसे हो दुनिया,
माँ की ममता से ही तो
जीवन में आती हैं खुशियाँ।
उसके साए में हर ख्वाब
आसानी से पूरा हो जाता है,
माँ की दुआओं का असर
हमेशा संग चलता है।
जिंदगी की हर राह में
उसकी दुआएँ पास होती हैं,
माँ की दुलार भरी नजरें
संग हमेशा साथ होती हैं।
माँ ही है वो प्यार की गंगा
हर दुख हर लेती है,
उसके प्यार भरे आंचल में
खुशियों की बगिया महकती है।
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