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आज नया वर्ष है
आज नया वर्ष है
दिग-दिग में छा रहा,
खूब-खूब हर्ष है।
मन में उत्कर्ष है,
आज नया वर्ष है।।
नया-नया सूरज है,
सोने की किरणें हैं।
जाग उठी आशा की,
नयी-नयी किरणें हैं।।
छंट गया अंधेरा है,
भोर ने पुकारा है।
बीते हुए लम्हों को,
सर से उतारा है।।
नया-नया ज्ञान है,
नूतन विज्ञान है।
जड़ क्या, क्या चेतन में,
नये-नये प्राण हैं।।
गत हुआ अतीत,
द्वारे खुशियों का डेरा है।
बिगड़ा है कुछ नहीं,
आज ही सवेरा है।।
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