Bal Kavita: जाड़े की धूप By Lotpot 09 Apr 2024 in Poem New Update जाड़े की धूप Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 जाड़े की धूप दिल को सहज लुभाने वालीजाड़े की यह धूप भली, आसमान का महल छोड़करधरती पर हंसती निकली। बिल्कुल राजकुमारी जैसीलगती है सबको प्यारी, खुलकर इसका स्वागत करतेकभी न होता मन भारी। दोपहरी में इसकी महिमागाते नहीं अघाते हम, बर्फीली रातों का रोनारोकर नहीं सुनाते हम। जिस दिन कुहरा भैया आतेइसके पथ में रोढ़े बन, सहज कांपने लगते उस दिनअनायास सबके तन-मन। lotpot | lotpot E-Comics | Bal Kavitayen | hindi bal kavitayen | Hindi Bal Kavita | manoranjak bal kavita | bal kavita | hindi kavitayen | hindi kavita | kids hindi poems | hindi poems for kids | kids hindi rhymes | hindi rhymes | Hindi Rhymes for kids | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | बाल कविता | हिंदी बाल कवितायें | बाल कवितायें | हिंदी बाल कविता | बाल कविता | हिंदी कवितायें | बच्चों की कविता यह भी पढ़ें:- Bal Kavita: मोटा बैंगन Bal Kavita: आई ईद Bal kavita: प्यारे बच्चे Bal Kavita: सीखो क्रिकेट #लोटपोट #Lotpot #बच्चों की कविता #बाल कविता #bal kavita #hindi kavita #manoranjak bal kavita #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कविता #Hindi Bal Kavita #hindi rhymes #Hindi Rhymes for kids #kids hindi rhymes #kids hindi poems #Bal Kavitayen #लोटपोट ई-कॉमिक्स #hindi bal kavitayen #hindi kavitayen #हिंदी कवितायें #बाल कवितायें #हिंदी बाल कवितायें #hindi poems for kids You May Also like Read the Next Article