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Photograph: (beautiful flowers of the new garden)
सुंदर फूल नए उपवन के : यह कविता "सुंदर फूल नए उपवन के" उनकी कोमलता और उनके जीवन से मिलने वाली प्रेरणा पर आधारित है। फूलों को प्रकृति का अनुपम उपहार माना गया है, जो अपने रंगों, खुशबू और मुस्कान से उपवन और जीवन को सजाते हैं। कविता में फूलों को बसंत का प्रतीक बताया गया है, जिनके खिलने से चारों ओर सुखद महक फैलती है।
फूल न केवल सुंदरता का प्रतीक हैं, बल्कि ये हमें कठिन परिस्थितियों में भी मुस्कुराने और सकारात्मक रहने का सबक सिखाते हैं। ओस की बूँदों और धूप की किरणों का संग पाकर, फूल हर दिन नया जीवन पाते हैं और तितलियों के संग खिलखिलाते हैं। वे हमें सिखाते हैं कि जीवन में हर रंग का महत्व है और हर परिस्थिति में मुस्कुराते रहना चाहिए।
फूल अपने जीवन के माध्यम से प्रेम और सौंदर्य का संदेश देते हैं। उनकी कोमलता और जीवंतता मनुष्यों को प्रेरणा देती है कि हमें भी अपने जीवन को सुंदर और सकारात्मक बनाना चाहिए। फूलों की हर पंखुड़ी में छिपी गहराई हमें प्रकृति की सुंदरता और जीवन की अनमोलता का अनुभव कराती है।
कविता में फूलों से यह आग्रह किया गया है कि वे अपनी सुंदरता और जीवन का रहस्य सबके साथ साझा करें, ताकि हर कोई जीवन में खुशियों और सकारात्मकता को अपनाने का सबक सीख सके।
सुंदर फूल नए उपवन के,
कोमल तन के कोमल मन के।
तुम खिलते, बसंत आ जाता,
खुशबू से तुम्हारी सारा उपवन महक जाता।
खिल-खिलकर हँसना,
हमें सिखा दो।
अपनी सुंदरता का,
सारा भेद बता दो।
चमचमाती ओस की बूँदों से,
तुम्हारा श्रृंगार होता।
धूप की किरणों का संग पाकर,
तुम्हारा रूप निखरता।
तितलियों का झुंड देखकर,
तुम और अधिक मुस्काते।
हर सुबह की पहली किरण पर,
तुम नया जीवन पाते।
तुम्हारे रंगों की छटा निराली,
हर मन को लुभाती है।
प्रकृति की गोद में बसे तुम्हारे,
हर रूप की कहानी गहराई समझाती है।
ओ सुंदर फूल, हमें बताओ,
कैसे हर परिस्थिति में मुस्काते हो?
सुख-दुख के मौसम सहकर भी,
कैसे खुद को सजा पाते हो?