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पेड़ से दोस्ती: प्रकृति का महत्व- यह कविता एक पेड़ की भावना को व्यक्त करती है, जो मानवों से अपनी रक्षा की विनती कर रहा है। वह कहता है कि उसे काटा ना जाए क्योंकि वह प्रकृति और जीवों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। वह न सिर्फ पक्षियों के लिए घर है, बल्कि इंसानों को छाया, फल, और ताजा हवा भी देता है। पेड़ अपने महत्वपूर्ण योगदानों के बारे में बताकर, लोगों को जागरूक करता है कि अगर उसे काट दिया गया, तो जीवन के कई अनमोल संसाधन भी खत्म हो जाएंगे।
कविता पेड़ से दोस्ती:
मुझे मत गिराओ, मुझे मत काटो,
मैं हूं पेड़, मुझे ना बांटो।
मेरी डाल पर पक्षी बैठते,
चूं-चूं कर गीत वो गाते।
मेरी टहनी पर घर बनाएं,
मेरे फूल-फलों से पेट भराएं।
उनकी दुनिया बसा रहने दो,
उनका खाना तुम ना छीनो।
मैं हूं छाया, हवा का साथी,
प्रदूषण से लड़ने में हूं साथी।
मैं देता जीवन, स्वच्छ हवाएं,
मुझे गिराकर क्या पाओगे?
मैं धूप से बचाता, हरियाली बिखेरता,
तुम्हारे जीवन को खुशहाल करता।
अगर मुझे गिराओगे तो सोचो,
फिर धरती कैसे सांस ले पाएगी?
यह कविता प्रकृति की महत्ता को उजागर करती है, विशेषकर पेड़ों की भूमिका पर जोर देती है। यह लोगों को संदेश देती है कि पेड़ हमारी पृथ्वी का अनिवार्य हिस्सा हैं और उन्हें बचाना चाहिए। पेड़ न केवल पर्यावरण को शुद्ध रखते हैं, बल्कि सभी जीवों के लिए सुरक्षा और भोजन का भी स्रोत हैं।
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