Holi Kavita : बच्चों के लिए 'होली है' कविता

यह कविता होली के उत्सव को समर्पित है, जिसे रंगों का त्योहार भी कहा जाता है। कविता में होली (Holi Kavita) के दिन की खुशियों और उल्लास का वर्णन किया गया है। प्रारम्भ में कवि ने होली को एक अनोखा पर्व बताया है

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Holi Kavita Holi is poem for children
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Holi Kavita : यह कविता होली के उत्सव को समर्पित है, जिसे रंगों का त्योहार भी कहा जाता है। कविता में होली (Holi Kavita) के दिन की खुशियों और उल्लास का वर्णन किया गया है। प्रारम्भ में कवि ने होली को एक अनोखा पर्व बताया है जो सभी के दिलों में प्यार और समरसता भर देता है। इस दिन घर-घर में त्योहारी मिठाइयाँ जैसे कि गुझिया और दूध मलाई बनाई जाती हैं, जिसे कवि ने बड़े ही चित्रमय ढंग से प्रस्तुत किया है।

आगे चलकर, कविता में विभिन्न रंगों का उल्लेख है जैसे लाल, हरा, नीला और पीला, जो कि होली की पहचान हैं। ये रंग चाहे सूखे हों या गीले, सबकी मस्ती में इजाफा करते हैं। बच्चों का उल्लास भी कविता में विशेष रूप से दिखाई देता है, जैसे वे टोली बनाकर पिचकारी से होली खेलते हैं, जो कि उत्साह और खुशियों का प्रतीक है। इस प्रकार, कविता होली के दिन की जीवंतता और समुदाय में आपसी प्रेम को दर्शाती है। (Holi Hindi Poem)

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