हिंदी बाल कविता: निराली भोर यह कविता गांव की सुबह की सुंदरता और उसके आसपास के प्राकृतिक सौंदर्य को बयां करती है। कविता में नई सुबह की ताजगी, हरियाली की लहरें, और रंग-बिरंगे फूलों की छवि को पेश किया गया है। कविता का संदेश है कि समय पर उठना और खुश रहना जीवन की खुशियों की कुंजी है। By Lotpot 08 Aug 2024 in Poem New Update निराली भोर Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 निराली भोर गांव नगर में डगर में,चहल-पहल का शोर है। बीती काली रात आ गई,नई निराली भोर है। हरियाली में उठती लहरें,पुरवैया की चाल से। मस्त हो रही फसल खेत की,पानी पीकर ताल से। फूलों कलियों के मुखड़े पर,इन्द्रधनुष के रंग हैं। सदा समय पर जग जाना,सब खुशियों का भंडार है। यह भी पढ़ें:- हिंदी बाल कविता: तारों के संग आते हिंदी बाल कविता: बादल छाये हिंदी बाल कविता: सीख हिंदी मनोरंजक कविता: निंदिया रानी #हिंदी बाल कविता #kids hindi poem #Hindi Poem on Dawn #भोर पर कविता You May Also like Read the Next Article