हिंदी बाल कविता: निराली भोर

यह कविता गांव की सुबह की सुंदरता और उसके आसपास के प्राकृतिक सौंदर्य को बयां करती है। कविता में नई सुबह की ताजगी, हरियाली की लहरें, और रंग-बिरंगे फूलों की छवि को पेश किया गया है। कविता का संदेश है कि समय पर उठना और खुश रहना जीवन की खुशियों की कुंजी है।

By Lotpot
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cartoon image of dawn in an Indian village

निराली भोर

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निराली भोर

गांव नगर में डगर में,
चहल-पहल का शोर है।

बीती काली रात आ गई,
नई निराली भोर है।

हरियाली में उठती लहरें,
पुरवैया की चाल से।

मस्त हो रही फसल खेत की,
पानी पीकर ताल से।

फूलों कलियों के मुखड़े पर,
इन्द्रधनुष के रंग हैं।

सदा समय पर जग जाना,
सब खुशियों का भंडार है।

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