हिंदी बाल कविता: सीख By Lotpot 10 Jul 2024 in Poem New Update सीख Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 सीख मेरी तरह गंभीर बनो तुम,सागर यह सिखलाता है।सुख और दुख का मेला तो,दुनिया में आता जाता है।। मेरी तरह विशाल बनो तुम,पर्वत ये सिखलाता है।तूफान भंयकर भी मुझको तो,कभी हिला न पाता है।। मेरी तरह सहनशील बनो तुम,वृक्ष हमें सिखलाता है।पत्थर मारे कोई भी तो वो,फल उनको दे जाता है।। यह भी पढ़ें:- हिंदी बाल कविता: बारिश का मौसम हिंदी बाल कविता: गर्मी के दिन आये हिंदी मनोरंजक कविता: किसान Bal Kavita: विद्यालय #बाल कविता #bal kavita #hindi kavita #manoranjak bal kavita #हिंदी कविता #kids hindi poem #छोटी बाल कविता #मनोरंजक हिंदी कविता #entertaining hindi poem for kids #मजेदार बाल कविता You May Also like Read the Next Article