हिंदी बाल कविता: बारिश का मौसम

By Lotpot
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बारिश का मौसम

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बारिश का मौसम

बरसात की बूंदों में नहाई,
धरती जैसे अमृत पाई।
आसमान से गिरती बारिश,
हर दिल में नई उमंग लाई।

मिट्टी की भीनी सी खुशबू,
मस्त पवन संग आई।
झूमें पेड़, लहराए पत्ते,
प्रकृति ने फिर ली है अंगड़ाई।

तपते सूरज की गर्मी मिटाए,
शीतलता का बाण चलाए।
ताल-तलैया में भर जाए पानी,
सूखे खेतों को नवजीवन दिलाए।

चहकते हैं बच्चे बाहर पानी में,
कागज की नाव बहाएं पानी में।
माँ के हाथों के गरम पकौड़े,
मौसम की ठंडक से लड़ते।

मेढक की टर्र-टर्र आवाज़,
हर्षाये मोर, करते हैं नाच।
सड़कें हों चाहे कितनी भी गंदी,
मन में होती खुशियों की आवाज़।

बिजली की चमक, बादल की गड़गड़ाहट,
सपनों की दुनिया में खो जाएं।
हर कोने में नवजीवन की दस्तक,
मानो प्रकृति फिर से मुस्कराए।

प्यारी बारिश, तेरा ये जल,
धरती के हर कोने को सींचे।
तेरे आने से, सब कुछ बदले,
मनुष्य, पशु, सब खुशी से नाचें।

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