आजादी की वर्षगांठ हर एक आजादी की वर्षगांठ,भारत के हक में पैगाम लाऐ। भारत छु ले बुलन्दियों को,उसके दामन में सितारे जगमगायें। फिर ना कोई कोई मुगल जन्म ले,न हो अंग्रेजों का जनम। अपने इतिहास पर गर्व करें हम,न करना पड़े हमें शरम। न कोई हिन्दू, न कोई मुस्लिम,हर कोई हो हिन्दुस्तानी। एक मंच पर खड़े हों हम सब,न हो कहीं कोई मनमानी। अब न कहीं दरार पड़े,न कोई फूट अब डाले। कदम से कदम मिलाके,चलेंगे हम मतवाले। यह भी पढ़ें:- हिंदी बाल कविता: तारों के संग आते दोस्ती की कविता: दोस्ती का जादू हिंदी बाल कविता: फलों का राजा आम हिंदी बाल कविता: अब न करूंगा मैं हंगामा